लखनऊ
राज्य सरकार प्रदेश में बेकार पड़ी 35600 हेक्टेयर बीहड़ व बंजर और जलभराव वाले 8250 हेक्टेयर भूमि को उपजाऊ बनाने जा रही है। इसके लिए पं. दीनदयाल उपाध्याय किसान समृद्धि योजना से काम कराया जाएगा। इस काम पर 125.52 करोड़ रुपए खर्च होंगे।
विशेष सचिव कृषि राजीव श्रीवास्तव ने सोमवार को इस संबंध में शासनादेश जारी कर दिया है। योजना के तहत लघु एवं सीमांत किसानों की अनुपजाऊ या कम उपजाऊ भूमि को उनके द्वारा ही अपने लिए सुधार किया जाएगा। बीहड़ व बंजर और ग्राम सीमा की भूमि को भूमिहीन खेतिहर मजदूरों को राजस्व विभाग के सहयोग से आवंटित कराकर या पहले से आवंटित भूमि को खेती योग्य बनाया जाएगा। फसल उत्पादन में वृद्धि के लिए कृषि, बागवानी और कृषि वानिकी वृक्षारोपण से संबंधित काम किए जाएंगे। जलभराव क्षेत्रों का उपचार कर फसल उत्पादन और उत्पादकता में वृद्धि को प्रोत्साहित किया जाएगा।
दैनिक मजदूरी के माध्यम से परियोजना क्षेत्र के निवासियों को स्थानीय स्तर पर रोजगार उपलब्ध कराया जाएगा। इसमें मनरेगा मजदूरों को लगाया जाएगा। योजना का कार्यक्षेत्र गौतमबुद्धनगर जिले को छोड़कर अन्य में रहेगा। बुंदेलखंड के झांसी, ललितपुर, महोबा, हमीरपुर, बांदा, चित्रकूट और पश्चिमी यूपी के मुजफ्फरनगर, शामली, बागपत, मेरठ में केंद्र सरकार की अटल भूजल योजना संचालित है। इन क्षेत्रों को योजना में प्राथमिकता दी जाएगी।
परियोजना क्षेत्र के सभी किसान व किसान मजदूर इस योजना के लाभार्थी होंगे। परियोजना का चयन जलसमेट क्षेत्र के आधार पर किया जाएगा। परियोजना क्षेत्र के चयन में उन क्षेत्रों को प्राथमिकता दी जाएगी, जहां भू-आवंटी अनुसूचित जाति, जनजाति व लघु सीमांत किसानों की संख्या अधिक होगी। परियोजना के तहत सामुदायिक प्रकृति के काम यथा बांध निर्माण, सुरक्षित जल निकासी के लिए नाले का निर्माण आदि सामान्य किसानों के खेत आ रहे हैं तो अपरिहार्य परिस्थितियों में लाभार्थी के रूप में उन्हें भी शामिल किया जाएगा।