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अपने ही ट्वीट पर कांग्रेस क्यों खामोश, समझें ‘संप्रभुता’ पर चुप्पी के मायने

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 नई दिल्ली

देश के दक्षिणी राज्य कर्नाटक में चुनाव प्रचार खत्म हो चुका है। अब 10 मई को वोट डाले जाने हैं। उससे पहले बीजेपी और कांग्रेस ने जमकर एक-दूसरे पर आरोप लगाकर चुनाव को द्विपक्षीय बनाने की कोशिश की। इसी कोशिश में कांग्रेस ने कर्नाटक की संप्रभुता की रक्षा करने का ऐलान किया था, जिसकी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उनकी पार्टी ने कड़ी आलोचना की है।

भारतीय जनता पार्टी और प्रधानमंत्री मोदी के हमलों के बावजूद कांग्रेस अब "संप्रभुता" विवाद से दूर रहने की कोशिश कर रही है। पार्टी ने फिलहाल इस पर चुप्पी साध रखी है। कांग्रेस ने एकमात्र आक्रामक कदम के रूप में प्रधानमंत्री  के खिलाफ विशेषाधिकार नोटिस दायर किया है लेकिन अभी तक न तो वह ट्वीट हटाया गया है, जिसमें सोनिया गांधी के हवाले से कहा गया था कि "राज्य की संप्रभुता की रक्षा की जाएगी", और न ही पार्टी की तरफ से इस पर कोई स्पष्टीकरण आया है।

पार्टी सूत्रों का मानना ​​है कि इस विषय पर भाजपा के साथ अधिक प्रतिक्रियावादी होने या उस पर काउंटर अटैक करने से इस मुद्दे को बल मिल सकता है और सत्तारूढ़ भाजपा उसे अपने पक्ष में भुना सकती है। भाजपा इसे राष्ट्रीयता के मुद्दे से जोड़कर कांग्रेस के खिलाफ हवा बना सकती है। इसलिए, ट्वीट पर नाराजगी के बीच राहुल गांधी ने अपनी प्रेस कांफ्रेंस रद्द कर दी और एक वीडियो वीडियो जारी कर उन 5 गारंटियों के बारे में बोला, जिन्हें कांग्रेस ने सत्ता में आने पर पहली कैबिनेट बैठक में पूरा करने का वादा किया है।

इससे इतर राहुल गांधी बेंगलुरु में एक कैफे में गिग वर्कर्स और डिलीवरी पार्टनर्स के साथ बातचीत की। उन्होंने स्विगी, जोमैटो, ब्लिंकिट और डंजो जैसे एग्रीगेटर्स के डिलीवरी पार्टनर्स के साथ एक रेस्टोरेन्ट में मसाला डोसा खाया और कॉफी भी पीया। राहुल ने बाद में कुछ महिलाओं के साथ एक बस में सवार होकर यात्रा की और उन्हें कहा कि अगर कांग्रेस सत्ता में आती है तो उन्हें मुफ्त टिकट दिया जाएगा।

संप्रभुता विवाद तब शुरू हुआ जब कांग्रेस ने शनिवार को हुबली में एक चुनावी रैली में सोनिया गांधी के भाषण का जिक्र करते हुए एक ट्वीट में कहा था कि कांग्रेस संसदीय दल की अध्यक्ष ने ''6.5 करोड़ कन्नड़ लोगों को एक कड़ा संदेश दिया''। पार्टी ने उनकी तस्वीर भी साझा की, जिसमें वह जनसभा को संबोधित करते दिख रही हैं।

कांग्रेस ने ट्वीट में कहा था, ''कांग्रेस किसी को भी कर्नाटक की प्रतिष्ठा, संप्रभुता या अखंडता के लिए खतरा पैदा नहीं करने देगी।''इसके बाद भाजपा ने सोमवार को निर्वाचन आयोग का रुख कर सोनिया गांधी के खिलाफ कार्रवाई करने और चुनाव प्रचार के दौरान कर्नाटक के लिए ''संप्रभुता'' शब्द का इस्तेमाल करने को लेकर उनकी पार्टी की मान्यता रद्द करने की मांग की थी। भाजपा की शिकायत पर चुनाव आयोग ने कांग्रेस अध्यक्ष को पत्र लिखकर कर्नाटक की संप्रभुता संबंधी सोशल मीडिया पोस्ट पर स्पष्टीकरण देने, सुधार करने के लिए कहा था।