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सफाई के दौरान मौत होने पर संविदाकर्मियों को एजेंसियां देंगी 10 लाख, निकायों को निर्देश

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 लखनऊ

सीवर सफाई के दौरान मरने वाले संविदा कर्मियों के परिजनों को अब बिना बाधा 10 लाख रुपये दिया जाएगा। इसके लिए सीवर सफाई का काम देखने वाली निजी एजेंसियों को ऐसे कर्मियों का 10 लाख रुपये का बीमा कराना होगा। अपर निदेशक स्थानीय निकाय ऋतु सुहास ने इस संबंध में सभी निकायों को निर्देश भेज दिया है।

हाथ से मैला उठाने वाले कर्मियों के नियोजन का प्रतिषेध और उनका पुनर्वास अधिनियम 2013 के अंतर्गत अधिनियम में दी गई व्यवस्था के अनुसार सीवर एवं सैप्टिक टैंक सफाई के दौरान मरने पर उनके परिजनों को 10 लाख रुपये मुआवजा देने की व्यवस्था है। इस काम में सरकारी के साथ ही निजी एजेंसियों के कर्मचारी भी लगे हुए हैं। सरकारी कर्मियों के साथ किसी तरह की घटना होने पर निकायों की देनदारियां बनती हैं, लेकिन एजेंसी के कर्मियों के लिए ऐसी व्यवस्था नहीं है।

इसीलिए शासन स्तर पर फैसला किया गया कि संविदा पर रखे जाने वाले कर्मियों के लिए एजेंसियों को 10 लाख रुपये का कवर बीमा लेना होगा। अपर निदेशक स्थानीय निकाय ने प्रदेश के सभी निकायों को इस संबंध में स्पष्ट दिशा-निर्देश भेज दिया है। इसमें कहा गया है कि सीवर व सैप्टिक टैंक की सफाई में बीमा वाले कर्मियों को ही लगाया जाएगा।

इसके लिए अनुबंध करते समय इसे जरूर देखा जाएगा। बिना बीमा कवर वाले कर्मियों से काम नहीं लिया जाएगा। स्थानीय निकाय निदेशालय ने निकायों से कहा है कि शर्त का पालन न करने की दशा में किसी भी प्रकार की दुर्घटना होने पर एजेंसियों को दी जाने वाली राशि से कटौती करते हुए भुगतान किया जाएगा।