कर्नाटक
कर्नाटक विधानसभा चुनाव में कांग्रेस का महिलाओं पर खास फोकस है। पार्टी ने गृहलक्ष्मी योजना के तहत परिवार की प्रत्येक महिला मुखिया को हर माह दो हजार रुपये और मुफ्त बस यात्रा का वादा किया है। जबकि हिमाचल प्रदेश विधानसभा चुनाव में पार्टी ने हर परिवार की प्रमुख महिला को 1500 रुपये प्रतिमाह देने का वादा किया था।
कांग्रेस के एक वरिष्ठ नेता और चुनाव घोषणा पत्र समिति के सदस्य ने कहा कि हिमाचल प्रदेश में यह वादा काफी असरदार साबित हुआ। प्रदेश की महिलाओं ने कांग्रेस के वादे पर भरोसा करते हुए पार्टी को जीत की दहलीज तक पहुचाया। हिमाचल छोटा राज्य है, संसाधन सीमित हैं। पर, कर्नाटक के पास ऐसी समस्या नहीं है, इसलिए दो हजार रुपये का वादा किया है।
साथ ही कर्नाटक में सरकार बनने पर कांग्रेस ने महिलाओं को सार्वजनिक परिवहन निगम की बसों में मुफ्त यात्रा का भी वादा किया है। महिला सशक्तिकरण को लेकर भी कई घोषणाएं की गई हैं। पार्टी ने यह तय रणनीति के तहत किया है। क्योंकि, कर्नाटक में लगभग आधी सीट पर पुरुषों के मुकाबले महिला मतदाता अधिक हैं। महिला मतदाताओं का वोट प्रतिशत भी पुरुषों के मुकाबले बढ़ा है।
हिमाचल प्रदेश में 49 फीसदी महिला मतदाता है, पर वोट देने के मामले में वह पुरुषों से चार फीसदी आगे रही हैं। हिमाचल प्रदेश में पुरुषों को वोट प्रतिशत 72.4 प्रतिशत था। जबकि 76.8 महिला मतदाताओं ने अपने अधिकार का उपयोग किया था। पार्टी नेता मानते हैं कि कर्नाटक विधानसभा चुनावों में भी महिलाओं का मतदान प्रतिशत पुरुषों से अधिक रहेगा।
कर्नाटक में मतदाताओं का वोट प्रतिशत
वर्ष 2013 विधानसभा चुनाव
पुरुष – 72.40 फीसदी
महिलाएं – 70.47 फीसदी
वर्ष 2018 विधानसभा चुनाव
पुरुष – 72.68 फीसदी
महिलाएं – 71.53 फीसदी
– वर्ष 2018 के कर्नाटक विधानसभा चुनाव में 67 सीट पर महिला मतदाताओं की संख्या पुरुषों के मुकाबले अधिक थी।
– पिछले पांच वर्षों में इस आंकड़े में 30 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। इस वर्ष 112 सीट पर पुरुषों के मुकाबले महिला मतदाता अधिक हैं।
– मंगलौर सिटी दक्षिण सीट पर 1000 पुरुषों के मुकाबले 1091 महिलाएं हैं। जबकि महादेवपुरा विधानसभा क्षेत्र में एक हजार पुरुषों पर 858 महिलाएं हैं।