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तेलंगाना हाई कोर्ट ने सुबह 11 बजे से पहले और रात 11 बजे के बाद थिएटरों में 16 से कम उम्र के बच्चों की एंट्री पर रोक लगाई

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हैदराबाद
तेलंगाना हाई कोर्ट ने आदेश जारी करते हुए 16 वर्ष से कम आयु के बच्चों के थिएटरों, मल्टीप्लेक्सों में सुबह 11 बजे से पहले और रात 11 बजे के बाद प्रवेश करने और फिल्म देखने पर रोक लगा दी है। यह फैसला न्यायालय द्वारा फिल्म टिकट की कीमतों में बढ़ोतरी और विशेष शो के लिए परमिट से संबंधित याचिका पर सुनवाई के बाद आया है। न्यायमूर्ति विजयसेन रेड्डी ने टिप्पणी की कि बच्चों को सुबह जल्दी या देर रात फिल्म देखने देने से उनके शारीरिक और भावनात्मक स्वास्थ्य पर असर पड़ सकता है।

कोर्ट ने क्या कहा?

कोर्ट ने हाल ही में फिल्म पुष्पा 2 के प्रीमियर के दौरान संध्या थिएटर में हुई भगदड़ को याद किया, जिसमें एक महिला की मौत हो गई थी और उसका बेटा गंभीर रूप से घायल हो गया था। न्यायमूर्ति विजयसेन रेड्डी ने कहा कि सिनेमेटोग्राफी नियमों के अनुसार बच्चों को सुबह 8.40 बजे से पहले और रात 1.30 बजे के बाद फिल्म देखने की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए। बच्चों को सुबह जल्दी और देर रात में फिल्म देखने की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए।

कोर्ट ने राज्य सरकार को दिया निर्देश

हाई कोर्ट ने सिफारिश की है कि राज्य सरकार सभी पक्षों को निर्देश दे कि 16 वर्ष से कम उम्र के बच्चों का सुबह 11 बजे से पहले और रात 11 बजे के बाद थिएटर और मल्टीप्लेक्स में प्रवेश नियंत्रित किया जाए। गृह विभाग के प्रधान सचिव को बच्चों के प्रवेश को नियंत्रित करने के लिए सभी हितधारकों से चर्चा करने के बाद उचित निर्णय लेने की सलाह दी गई।

शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य पर बुरा असर- कोर्ट

न्यायमूर्ति रेड्डी ने बच्चों पर देर रात तक स्क्रीन के अत्यधिक उपयोग के प्रभाव के बारे में भी चिंता व्यक्त की। अदालत ने याचिकाकर्ता के वकील की दलीलें सुनने के बाद यह फैसला सुनाया। कोर्ट ने इस बात पर जोर दिया कि बच्चों को देर रात, खासकर आधी रात के बाद या सुबह-सुबह फिल्म देखने के लिए बाहर जाने की इजाजत देने से उनके शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य पर बुरा असर पड़ सकता है। फिल्म टिकट की कीमतों में बढ़ोतरी और विशेष शो की मंजूरी से जुड़ी याचिकाओं पर सुनवाई के दौरान जस्टिस बी विजयसेन रेड्डी की बेंच ने ये टिप्पणियां कीं।

याचिकाकर्ता के वकील ने तर्क दिया कि विषम समय पर फिल्म देखने से बच्चों के स्वास्थ्य पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ सकता है। न्यायालय ने अपना फैसला सुनाने से पहले इन चिंताओं पर विचार किया। मामले की अगली सुनवाई 22 फरवरी तक स्थगित कर दी गई है।