नई दिल्ली
दिल्ली में पांच फरवरी को विधानसभा चुनाव होगा और आठ फरवरी को मतगणना होगी। दिल्ली चुनाव को लेकर सियासी सरगर्मियां जोरों पर हैं। दिल्ली की पटेल नगर सीट 1993 में अस्तित्व में आई। यह नई दिल्ली लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र का हिस्सा है और पश्चिमी दिल्ली जिले के तीन उपविभागों में से एक है। पटेल नगर की सीट पर पिछले चुनावों में काफी दिलचस्प मुकाबला देखा गया है। यह दिल्ली की 12 आरक्षित सीटों में से एक है। इस सीट पर कांग्रेस और आम आदमी पार्टी के बीच कई बार चुनावी जंग देखने को मिली है।
यह सीट जाटव, दलित, जाट और पंजाबी मतदाताओं की निर्णायक संख्या के कारण अहम मानी जाती है। इस क्षेत्र में कांग्रेस की स्थिति कमजोर रही है, जबकि आम आदमी पार्टी ने यहां लगातार अपनी पकड़ मजबूत की है। पटेल नगर विधानसभा सीट का इतिहास काफी रोचक है। इस सीट पर 1993 में पहली बार चुनाव हुए थे, इसमें बीजेपी ने विजय प्राप्त की थी। लेकिन बाद में कांग्रेस ने अपनी स्थिति मजबूत की और 1998 से 2008 तक इस सीट पर अपनी पकड़ बनाए रखी। 2008 में कांग्रेस के राजेश लिलोठिया ने पार्टी के लिए लगातार तीसरी बार जीत दर्ज की थी, लेकिन 2013 के चुनाव में आम आदमी पार्टी ने अपने कदम जमाए और पटेल नगर में जीत से अपनी शुरुआत की। 2013 में आम आदमी पार्टी की वीणा आनंद ने चुनाव जीता और पार्टी ने 28 सीटों पर कब्जा किया था, जिसमें पटेल नगर सीट भी शामिल थी।
इसके बाद 2015 में आम आदमी पार्टी ने पटेल नगर सीट पर अपनी स्थिति और मजबूत की, जब हजारी लाल चौहान ने जीत दर्ज की। कांग्रेस और बीजेपी की उम्मीदें इस सीट पर लगभग समाप्त हो चुकी थीं। 2020 में राज कुमार आनंद ने फिर से आम आदमी पार्टी के लिए विजय हासिल की और बीजेपी को भारी शिकस्त दी। 2020 दिल्ली विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी के राज कुमार आनंद ने 73,463 वोट प्राप्त किए और जीत हासिल की। भारतीय जनता पार्टी के प्रवेश रत्न को 42,528 वोट मिले, जबकि कांग्रेस की कृष्णा तीरथ को 3,382 वोट ही मिले। 2015 के दिल्ली विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी के हजारी लाल चौहान ने 68,868 वोट प्राप्त कर जीत दर्ज की। बीजेपी के कृष्णा तीरथ को 34,230 वोट मिले, जबकि कांग्रेस के राजेश लिलोठिया को 10,766 वोट मिले।
पटेल नगर विधानसभा क्षेत्र की एक और खास बात यह है कि यहां कुल 2,01,703 मतदाता हैं, जिनमें से 1,08,977 पुरुष और 92,693 महिला मतदाता हैं। यह सीट अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित है। पटेल नगर की राजनीतिक स्थिति और उसके पास मौजूद पॉश इलाके दिल्ली की राजनीति में इसे एक प्रमुख निर्वाचन क्षेत्र बनाते हैं, जहां आगामी चुनावों में फिर से दिलचस्प मुकाबला देखने को मिल सकता है।