Home मध्यप्रदेश प्रदेश में नई लोक परिवहन नीति का खाका तैयार, फरवरी के पहले...

प्रदेश में नई लोक परिवहन नीति का खाका तैयार, फरवरी के पहले सप्ताह में शुरू होगी कंपनी गठन की प्रक्रिया

11

भोपाल

मोहन सरकार पहले चरण में 500 रूटों पर सरकारी लोक परिवहन सेवा की बसें उतारेगी। कनेक्टिंग बस सेवा का विकल्प भी होगा, ताकि भोपाल से जिला मुख्यालय तक एक बस में और वहां से दूसरी बस में यात्री अपने अंतिम गंतव्य तक पहुंच सके। पहली बार किसी सरकार ने बड़ी पंचायतों को लोक परिवहन सेवा के जरिए ब्लाक, तहसील और जिला मुख्यालय से जोडऩे की कोशिशें की हैं।

 स्कूल, कॉलेज, कामकाजी महिलाएं, सैनिकों के परिवारों के सदस्य समेत अन्य को किराये में मामूली छूट देने पर भी विचार किया जा रहा है। सरकारी लोक परिवहन सेवा शुरू करने की जून 2024 से जारी कवायद नई परिवहन नीति में बदल गई है। प्रस्तावित नीति को जल्द कैबिनेट में लाने की तैयारी है, क्योंकि फरवरी में बसें चलाने वाली कंपनियों के गठन की प्रक्रिया शुरू की जानी है।

बता दें कि प्रदेश के पास खुद की परिवहन सेवा थी, जिसे 2005 में बंद कर दिया था। रूट 1100 तक मोहन सरकार 1100 रूटों पर बस चलाने की तैयारी कर रही है। इनमें एक से दूसरे राज्य, राजधानी से संभाग, जिला, तहसील मुख्यालय के रूट शामिल है। परिवहन नीति आने के बाद इनकी संंया में और बढ़ोतरी होगी। सरकार ऐसे लोगों को सुविधा देने की तैयारी कर रही है, जहां आवागमन के साधनों की बेहद जरूरत है, लेकिन उन लोगों की कमाई ठीक-ठाक नहीं है।

प्रदेश में 19 साल से बंद सड़क परिवहन निगम के स्थान पर अब राज्य सरकार नए सिरे से यात्री परिवहन सेवा शुरू करने जा रही है।बैठक में मुख्यमंत्री डॉक्टर मोहन यादव ने कहा कि प्रदेश में नवीन यात्री बस सेवा के संचालन में यात्री सुविधा को सर्वोच्च प्राथमिकता दी जाए। ग्रामीण क्षेत्र के यात्रियों की आवश्यकता और इंटर सिटी मार्गों के महत्व को ध्यान में रखते हुए बसों का संचालन किया जाए।

मुख्यमंत्री ने कहा कि टिकट बुकिंग, बस ट्रैकिंग जैसे टेक्नोलॉजी प्लेटफॉर्म के सभी लाभ यात्रियों को सरलता से प्राप्त हों, इसका विशेष रूप से ध्यान रखा जाए। मुख्यमंत्री डॉक्टर यादव ने कहा कि जो बस ऑपरेटर परमिट में तय नियम शर्तों का पालन नहीं कर रहे हैं, उन पर कार्रवाई की जाए। सीएम ने कहा कि यात्री सुविधा पर पूरी तरह से फोकस किया जाए। बसों की ट्रैकिंग करने का काम भी किया जाए ताकि लोगों को दिक्कत न हो।

शुरुआत आदिवासी अंचल से

बताया जाता है कि परिवहन विभाग द्वारा शुरू की जा रही नवीन यात्री बस सेवा सबसे पहले प्रदेश के आदिवासी अंचल से शुरू हो सकती है। इससे इन क्षेत्रों को शहरों से जोड़ने में आसानी होगी।

इसके बाद प्रदेश भर के दूसरे क्षेत्रों में भी सरकारी बसों को शुरू किया जाएगा। पहले राज्य परिवहन की बस डीजल से चलती थी। अब इलेक्ट्रिक से चलने वाली नई बसें सड़कों पर उतारने की तैयारी है। ये ईको फ्रैंडली बसें ध्वनि के साथ-साथ वायु प्रदूषण को भी रोकेंगी।

जहां ऑपरेटर नहीं वहां सरकार चलाएगी बसें
सरकार रूटों को नीलाम करेगी, निजी ऑपरेटर इन पर बसें चलाएंगे। सूत्रों के मुताबिक जिन रूटों पर ऑपरेटर रूचि नहीं लेंगे, सरकार उसे खाली नहीं छोड़ेगी, बल्कि खुद बसों की खरीदी करके, ऐसे रूटों पर लोक परिवहन सेवा शुरू करेगी।

जिलों से वापस ली जाएगी निगम की जमीन
नई परिवहन नीति में सड़क परिवहन निगम की पुरानी जमीन को वापस लेने के प्रावधान होंगे। ये जमीनें संबंधित जिलों के अधीन है, जो बस अड्डों के उपयोग के लिए दी थीं, लेकिन समय के साथ कई जिलों ने इनका अलग-अलग उपयोग कर लिया है। ऐसे जिलों को जमीनें लौटाने में पसीने छूटने तय है।

नई नीति में ये भी होगा
आठ कंपनियां बनाई जाएंगी, इनमें एक मुख्य व बाकी संभागीय कंपनियां होंगी, जो बस चलवाने की व्यवस्थाओं की निगरानी करेंगी। निगरानी समितियां भी गठित की जाएंगी। ऑनलाइन टिकट बुकिंग सुविधा, मोबाइल ऐप, बस ट्रैकिंग जैसे टे’नोलॉजी ह्रश्वलेटफॉर्म उपयोग में लाए जाएंगे। स्मार्ट कार्ड जारी होंगे। बसों में ऑनलाइन व्यवस्था के तहत ऑक्युपेंसी देखने की सुविधा होगी। चिह्नित रूट्स को अधिसूचित किया जाएगा।