नईदिल्ली
पाकिस्तानियों को जिस बात का डर था, वही हुआ। गोवा में SCO समिट के लिए आए बिलावल भुट्टो जरदारी को विदेश मंत्री जयशंकर ने खूब सुनाया। बैठक में खुलकर सीमापार आतंकवाद का मुद्दा उठा और बाद में एस. जयशंकर ने पाक विदेश मंत्री को आतंकी इंडस्ट्री का प्रवक्ता तक कह डाला। भारत से जाते-जाते बिलावल कश्मीर का मुद्दा उछालने से नहीं चूके। जयशंकर ने भुट्टो के लिए कॉफी वाला मुहावरा बोलते कहा, '…370 अब हिस्ट्री बन चुका है। जितनी जल्दी लोगों को यह एहसास हो जाएगा, उनके लिए उतना अच्छा होगा… बात तो अब पीओके पर पाकिस्तान के जबरन कब्जे की होगी।' जयशंकर का यह वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल है। इससे पहले एससीओ समिट में द्विपक्षीय मुद्दों को उठाने की पाबंदियों के चलते भारत और पाकिस्तान के मंत्रियों ने इशारों में अपनी बात कही। हालांकि जयशंकर आतंकवाद पर चीन के सामने पाकिस्तान के विदेश मंत्री को सुनाते रहे।
दो हफ्ते में कश्मीर में दूसरा आतंकी हमला हुआ है। इस महीने के आखिर में श्रीनगर में जी20 की बैठक भी होनी है। विदेश मंत्री ने हिंदी में कहा कि पाकिस्तान का न तो जी20 से कोई लेना देना है और न श्रीनगर से। उन्होंने कहा कि श्रीनगर में जी20 मीटिंग की मेजबानी करना स्वाभाविक है। मोदी के 'मिसाइल मिनिस्टर' कहे जाने वाले जयशंकर ने आगे कहा, 'जम्मू-कश्मीर को लेकर केवल एक मुद्दे पर बात होगी और वह है पीओके पर पाकिस्तान के जबरन कब्जे का मुद्दा। वे कब इसे खाली करेंगे?'
बिलावल ने पाकिस्तानी मीडिया से भारत से संबंधों और बातचीत पर काफी कुछ कहा है। ऐसे में जयशंकर मीडिया के सामने आए तो उन्होंने कहा कि आतंकवाद के शिकार लोग टेररिज्म पर चर्चा करने के लिए आतंकवाद के अपराधियों के साथ नहीं बैठते हैं। बिलावल के भारत दौरे के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने साफ कहा कि पाकिस्तान के मिनिस्टर एससीओ सदस्य देश के विदेश मंत्री के रूप में भारत आए थे और यह बहुपक्षीय कूटनीति का हिस्सा है। इसमें इससे ज्यादा कुछ मत देखिए। वैसे भी, पहले से माना जा रहा था कि भारत बिलावल के दौरे को ज्यादा तवज्जो नहीं देगा। पाकिस्तान के राजनयिक आशंका जता रहे थे कि बिलावल को गोवा में काफी कुछ सुनना पड़ सकता है और हुआ भी कुछ वैसा ही।
जयशंकर की प्रेस कॉन्फ्रेंस से पहले ही पाकिस्तान के विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो जरदारी अपने मुल्क के लिए लौट चुके थे। इससे पहले गोवा मीटिंग में भारत और पाकिस्तान के रिश्तों में दूरी देखने को मिली। जयशंकर ने नमस्ते कर बिलावल का औपचारिक वेलकम किया। फोटो सेशन में भी दोनों एक दूसरे से काफी दूर दिखाई दिए। न हाथ मिले, न गर्मजोशी का एहसास हुआ। आतंकवाद पर बिलावल कई ऐंगल से बोलते गए तो जयशंकर ने जवाब दिया कि पाकिस्तान की विश्वसनीयता उसके विदेशी मुद्रा भंडार से भी तेज रफ्तार से गिर रही है।