भोपाल.
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि प्रदेश की समृद्धि और प्रदेशवासियों की उन्नति के लिये हम कोई कोर-कसर नहीं छोडेंगे। प्रदेश में निवेश को बढ़ावा देने के लिये किये जा रहे प्रयासों से आशातीत सफलताएँ मिली है। निवेश छोटा हो या बड़ा हमारे लिये दोनों समान है। हमारा लक्ष्य औद्योगिक विकास के साथ युवाओं को रोजगार देना साथ ही स्व-रोजगार से जोड़ना भी है। इस लक्ष्य की प्राप्ति में रीजनल इंडस्ट्री कॉन्क्लेव की महती भूमिका रही है। आगामी 16 जनवरी को शहडोल में अगली रीजनल इंडस्ट्री कॉन्क्लेव हो रही है, जिसके लिए बड़े पैमाने पर निवेश के प्रस्ताव प्राप्त हो रहे हैं।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव सोमवार देर रात रीवा से शहडोल, उमरिया एवं अनूपपुर के उद्योगपतियों के साथ वर्चुअल संवाद कर रहे थे। उन्होंने कहा कि शहडोल इंडस्ट्री कॉन्क्लेव में अब तक 20 हजार करोड़ रूपये के निवेश प्रस्ताव प्राप्त हो चुके हैं। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने स्थानीय उद्योगपतियों से संवाद करते हुए प्रदेश की औद्योगिक नीति एवं प्रावधानों और निवेशकों को दी जाने वाली सुविधाओं की जानकारी दी। उन्होंने कहा कि उद्योग लगाने के लिये जो निवेशक मध्यप्रदेश में आ रहे हैं, हम उन्हें किसी प्रकार की कठिनाई नहीं होने देंगे। प्रदेश में 'ईज ऑफ डूइंग बिजनेस' को प्रोत्साहित करने वाली नीतियां बनाई गई है। इसमें मध्यप्रदेश देश में चौथे स्थान पर है। निवेशकों की सुविधा के लिये प्रत्येक जिले में 'इंवेस्टमेंट फैसिलिटेशन सेंटर' प्रारंभ किये गये हैं। कलेक्टर्स को इनका नोडल अधिकारी बनाया गया है।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने बताया कि शहडोल संभाग के तीनों जिलों में कलेक्टर्स को निर्देश दिये गये है कि स्टार्ट-अप के लिए युवा उद्यमियों को तैयार करें। राज्य सरकार उन्हें स्व-रोजगार के लिए हरसंभव सहायता उपलब्ध करायेगी। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि वर्ष-2025 को प्रदेश में उद्योग वर्ष के रूप में मनाया जा रहा है। इसी वर्ष फरवरी माह में भोपाल में ग्लोबल इंवेस्टर समिट भी होने जा रही है। इसका शुभारंभ प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी करेंगे। यह मध्यप्रदेश के लिए गौरव की बात है।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि प्रदेश में "स्वामी विवेकानंद युवा शक्ति मिशन" प्रारंभ किया जा चुका है। इस मिशन से हम युवाओं की ऊर्जा को रचनात्मक दिशा प्रदान कर उन्हें अत्म-निर्भर बनाएंगे। इससे वे रोजगार देने वाले बन सकेंगे और विकसित भारत के लिए विकसित मध्यप्रदेश में अपनी सहभागिता सुनिश्चित कर सकेंगे।
अब तक हुई आरआईसी में प्राप्त निवेश
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने प्रदेश के विभिन्न अंचलों में समान रूप से औद्योगिक विकास और रोजगार के सृजन के लिए अभिनव पहल करते हुए रीजनल इंडस्ट्री कॉन्क्लेव करने का निर्णय लिया। प्रदेश की पहली आरआईसी उज्जैन में 1-2 मार्च को हुई, जिसमें एक लाख करोड़ के निवेश प्रस्ताव प्राप्त हुए। दूसरी आरआईसी 20 जुलाई को जबलपुर में हुई, जिसमें 22 हजार करोड़ के निवेश प्रस्ताव प्राप्त हुए। इसी क्रम में 28 अगस्त को ग्वालियर में तीसरी आरआईसी हुई, जिसमें 8 हजार करोड़ रूपये के निवेश प्रस्ताव प्राप्त हुए। चौथी आरआईसी सागर में 27 सितंबर को हुई, जिसमें 23 हजार 181 करोड़ के निवेश प्रस्ताव प्राप्त हुए। पांचवी आरआईसी रीवा में 23 अक्टूबर को हुई, जिसमें 30 हजार 814 करोड़ के निवेश प्रस्ताव प्राप्त हुए। प्रदेश की 6वीं आरआईसी नर्मदापुरम में 7 दिसम्बर 2024 को हुई, जिसमें 31 हजार 800 करोड़ के निवेश प्रस्ताव प्राप्त हुए।