Home देश केंद्र सरकार रोड एक्सीडेंट में घायल को अस्पताल पहुंचाने वाले को इनाम...

केंद्र सरकार रोड एक्सीडेंट में घायल को अस्पताल पहुंचाने वाले को इनाम राशि बढ़ाकर 25,000 रुपये करेगी

7

नई दिल्ली

आमतौर पर सड़क हादसे में अकसर एक्सीडेंट करने वाले लोग मौके से फरार हो जाते हैं. और मौके पर मौजूद लोग हादसे के शिकार हुए व्यक्ति की मदद करने से केवल इसलिए कतराते है कि वे खुद किसी परेशानी में न फंस जाएं. हादसे का शिकार हुए व्यक्ति के लिए एक-एक मिनट कीमती होता है. इसी को नजर में रखते हुए नितिन गडकारी की तरफ से एक बयान सामने आया है.

लोग क्‍यों नहीं करते मदद?
बहुत से केस में यह देखा गया है कि हिट एंड रन के केस में पुलिस को कोई गवाह नहीं मिल पाता. ऐसे में जिस व्‍यक्ति ने पुलिस को कॉल कर घटना की जानकारी दी है पुलिस उसे ही गवाह बनाने की कोशिश करती है. सड़क हादसे में घायल की मदद करने के बदले कानूनी पचड़ों से फंसने से बचने के लिए लोग पुलिस कॉल करने या फिर मदद करने से भी बचते हैं. कई मौकों पर मदद करने वाले व्‍यक्ति को पुलिस उलटे केस में फंसाने की धमकी देकर उसे मजबूरन गवाह बनाने का प्रयास भी करती है.

इनाम राशि में होगी बढ़ोत्तरी
दरअसल, नितिन गडकरी ने कहा है कि उनका मंत्रालय अब रोड हादसे में शिकार हुए व्यक्तियों को अस्पताल पहुंचाने वाली लोगों को मिलने वाले इनाम को बढ़ा रही है. उन्होंने अपने बयान में कहा कि इस इनाम की राशि को अब 5 गुना बढ़ा दिया जाएगा. यानी जो 5000 की राशि पहले मिलती थी, वह अब 25000 हो जाएगी.

ट्रांसपोर्ट मिनिस्ट्री को दिए गए आदेश
एक टीवी कार्यक्रम के दौरान अनुपम खेर के साथ बातचीत में गडकरी ने कहा कि मौजूदा राशि उस व्यक्ति के लिए काफी कम है, जो हादसे का शिकार हुए व्यक्ति को अस्पताल पहुंचा है. इसलिए उन्होंने रोड ट्रांसपोर्ट मिनिस्ट्री से इस राशि को बढ़ाने के आदेश दिए है.

वर्तमान योजना के तहत रोड एक्सीडेंट के पीड़ितों को अस्पताल पहुंचाने वाले व्यक्ति को पुरस्कार राशि के साथ मान्यता प्रमाण पत्र दिया जाता है. पुरस्कर राशि वास्तविक व्यक्तियों को मिले, यह सुनिश्चित करने के लिए कई लेवल का वेरिफिकेशन प्रॉसेस है. इसके अलावा, सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय की पॉलिसी कहती है कि जो लोग किसी घातक दुर्घटना में पीड़ितों की मदद के लिए आगे आते हैं, वही प्रोत्साहन राशि और प्रमाण पत्र पाने के पात्र हैं. पब्लिक डोमेन में इस बात का कोई डेटा उपलब्ध नहीं है कि अब तक कितने लोगों ने सड़क दुर्घटना पीड़ितों की जान बचाने में मदद की है और कितने लोगों को पुरस्कार राशि से सम्मानित किया गया है.

कुछ दिन पहले ही केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने 'कैशलेस ट्रीटमेंट' स्कीम की घोषणा की थी, जिसके तहत सरकार सड़क दुर्घटना पीड़ितों के 7 दिनों के इलाज के लिए 1.5 लाख रुपये तक का खर्च वहन करेगी. गडकरी ने कहा कि अगर दुर्घटना की सूचना 24 घंटे के भीतर पुलिस को मिलती है, तो पीड़ित के इलाज का खर्च सरकार उठाएगी. केंद्रीय मंत्री ने हिट-एंड-रन मामलों में मृत पीड़ितों के परिवारों के लिए 2 लाख रुपये की अनुग्रह राशि देने की भी घोषणा की थी.

उन्होंने यह भी बताया था कि सड़क सुरक्षा सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता का मुद्दा है. केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने चिंताजनक आंकड़ों का हवाला देते हुए बताया था कि 2024 में देश के अलग-अलग हिस्सों में हुईं सड़क दुर्घटनाओं में लगभग 1.80 लाख लोगों की जान चली गई. इनमें से 30,000 मौतें हेलमेट न पहनने के कारण हुईं. उन्होंने कहा- दूसरी गंभीर बात यह है कि 66% दुर्घटनाओं में 18 से 34 वर्ष की आयु के शामिल थे. गडकरी ने स्कूलों और कॉलेजों के पास एंट्री और एग्जिट पॉइंट पर अपर्याप्त व्यवस्था के कारण होने वाली सड़क दुर्घटनाओं में 10,000 बच्चों की मौत पर भी प्रकाश डाला.

साल 2021 में आई थी पॉलिसी
भारत सरकार ने अक्टूबर 2021 से सड़क दुर्घटना के पीड़ितों की मदद करने के लिए लोगों को प्रोत्साहित करने के लिए इनाम राशि की शुरुआत की थी. इस योजना के तहत सड़क दुर्घटना में जरूरतमंदों को मदद करने वालों को प्रमाण पत्र जारी किया जाता है ताकि यह सुनश्चित किया जा सके कि सही व्‍यक्ति तक ही पैसा पहुंच रहा है.