नईदिल्ली
परिवार व्यवस्था और मूल्यों को बनाए रखने वाले देशों में शुमार किए भारत रिश्ते बचाने में दुनिया में टॉप पर है। भारत में तलाक के मामले महज 1 फीसदी ही होते हैं, जबकि कई देश ऐसे भी हैं, जहां 94 फीसदी तक रिश्ते टूट जाते हैं। वर्ल्ड ऑफ स्टैटिस्टिक्स के डेटा के मुताबिक एशियाई देशों में रिश्ते कम टूटते हैं, जबकि यूरोप और अमेरिका में परिवार ज्यादा बिखर रहे हैं। रिपोर्ट के मुताबिक भारत के बाद वियतनाम का नंबर है, जहां 7 फीसदी रिश्तों में ही तलाक की नौबत आती है। इसके अलावा ताजिकिस्तान में 10 फीसदी, ईरान 14 और मेक्सिको में 17 फीसदी रिश्तों में तलाक हो जाता है।
सबसे कम तलाक वाले 10 देशों में मिस्र, दक्षिण अफ्रीका, ब्राजील, तुर्की और कोलंबिया भी शामिल हैं। इस रिपोर्ट में पड़ोसी देश पाकिस्तान को शामिल नहीं किया गया है, जबकि जापान में 35 फीसदी रिश्तों में तलाक की बात कही गई है। इसके अलावा जर्मनी 38 फीसदी रिश्ते टूट जाते हैं और ब्रिटेन का आंकड़ा 41 फीसदी का है। वहीं चीन में 44 फीसदी शादियां ऐसी हैं, जिनमें तलाक की नौबत आ जाती है। अमेरिका में यह आंकड़ा 45 फीसदी का है, जबकि डेनमार्क, दक्षिण कोरिया और इटली में 46 फीसदी रिश्ते नहीं चल पाते।
रिश्ते बचाए रखने में फिसड्डी हैं ये अमीर देश
रिश्ते बनाए रखने में सबसे फिसड्डी देश यूरोप के हैं। पुर्तगाल में तो सबसे 94 फीसदी तलाक के मामले सामने आते हैं। इसके अलावा स्पेन आखिरी से दूसरे स्थान पर है, जहां 85 फीसदी रिश्ते नहीं चल पाते। इसके अलावा लग्जमबर्ग में 79 फीसदी शादियां उम्र भर नहीं चलतीं। यही नहीं रूस में भी 73 फीसदी आंकड़ा तलाक है और पड़ोसी मुल्क यूक्रेन में भी 70 फीसदी शादियां टूट ही जाती हैं।
दुनिया के मुकाबले भारत में क्यों कम तलाक के मामले
समाजविज्ञानियों के मुताबिक भारत में रिश्ते ज्यादा चलने की वजह सांस्कृतिक पहलू है, जिसमें परिवार व्यवस्था बनाए रखने पर जोर दिया जाता है। इसके अलावा बड़ी संख्या में तलाक के मामले कानूनी प्रक्रिया में नहीं जा पाते और खुद ही पति और पत्नी अलग रहने लगते हैं। इसके चलते भी कई बार आंकड़ा सामने नहीं आ पाता। हालांकि इसके बाद भी अन्य देशों के मुकाबले भारत में तलाक के केस काफी कम हैं।