नई दिल्ली
गूगल और ऐपल को एक दूसरे का प्रतिद्वंदी माना जाता है। कारोबार लिहाज से दोनों कंपनियों की राहें जुदा है। लेकिन कहते हैं कि मुसीबत दो दुश्मनों को साथ ला देती हैं। ऐसा ही गूगल और ऐपल के मामले में हो रहा है। जहां दोनों कंपनियां ब्लूटूथ ट्रैकिंग की समस्या का सामना कर रही थीं। इसे अमेरिकी और यूरोपीय देशों में गूगल और ऐपल की सेफ्टी को लेकर सवाल उठाए जा रहे थे। ऐसे में इस समस्या से छुटकारा पाने के लिए गूगल और ऐपल साथ आ गए हैं। ऐसे में दोनों कंपनियां मिलकर ब्लूटूथ ट्रैकिंग का काट खोजकर निकालेंगी।
रिपोर्ट के मुताबिक गूगल और ऐपल ने कहा कि हम दोनों मिलकर काम कर रहे हैं, जिससे ब्लूटूथ से होने वाली गैरजरूरी ट्रैकिंग को रोका जा सके। बता दें कि लंबे वक्त से शिकायत मिल रही थी कि ब्लूटूथ इनेब्लड डिवाइस जैसे एयरटैग से लोगों की जासूरी हो रही थी। एयरटैग का इस्तेमाल खोई चीजों को सर्च करने के लिए किया जाता है। ऐसे में गूगल और ऐपल मलिकर आईओएस और एंड्रॉइड दोनों डिवाइस से होने वाली ट्रैकिंग पर लगाम लगाएंगी।
एयरटैग के लॉन्च के बाद से एक्सपर्ट इसे लेकर सवाल कर रहे थे। साथ ही कई लोगों को संदेह था कि कहीं इसका इस्तेमाल आपराधिक काम में न किया जाए। एयरटैग्स को कार और घर की चाबियों, पर्स, बैकपैक्स और अन्य चीजों के साथ इनेबल किया जाता है, जिससे लोगों को किसी भी चीज को खोजना आसान हो जाए।
Apple ने 2021 में एयरटैग लॉन्च किया था। जबकि गूगल की ओर से Android डिटेक्टर ऐप लॉन्च किया था, जो यूजर की बिना जानकारी के उनकी लोकेशन ट्रैक कर रहे थे। इससे पहले 2020 में, Apple और Google ने भी कहा था कि वे उन ऐप्स में लोकेशन ट्रैकिंग के इस्तेमाल पर प्रतिबंध लगा देंगे।