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अमित शाह के भाषण के एक हिस्से पर मचे बवाल के बीच मायावती ने भी मोर्चा संभाला, कहा-वापस लें अपना बयान

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नई दिल्ली
बाबासाहेब भीमराव आंबेडकर को लेकर अमित शाह के भाषण के एक हिस्से पर मचे बवाल के बीच मायावती ने भी मोर्चा संभाल लिया है। उन्होंने होम मिनिस्टर अमित शाह को माफी मांगने और अपने शब्दों को वापस लेने की नसीहत दी है। मायावती ने गुरुवार को लखनऊ में कहा कि यदि अमित शाह ने माफी नहीं मांगी तो फिर दलित समाज भूल नहीं सकेगा। यही नहीं उन्होंने चेतावनी भरे लहजे में कहा कि अमित शाह के बयान से पूरे देश के दलितों में गुस्सा है। वह उन्हें भगवान की मानते हैं। ऐसे में अमित शाह के बयान का बड़ा असर हो सकता है। उन्होंने यह भी चेतावनी दी कि माफी न मांगने पर भाजपा का हाल भी कांग्रेस जैसा हो सकता है।

बसपा सुप्रीमो मायावती ने कहा, 'अमित शाह के बयान से बाबासाहेब आंबेडकर के अनुयायियों में जबरदस्त गुस्सा व्याप्त है। अमित शाह को अपने कहे शब्दों को वापस ले लेना चाहिए और पश्चाताप भी करना चाहिए। ऐसा नहीं किया तो फिर आंबेडकर के अनुयायी कभी इसे भूला नहीं पाएंगे और माफ नहीं कर सकेंगे। यह ऐसा ही होगा, जैसे कांग्रेस के तमाम पापों को आज भी बाबासाहेब आंबेडकर के अनुयायी भुला नहीं सकेंगे। कांग्रेस कितने ही रंग और ढंग बदल ले, लेकिन लोग उस पर भरोसा नहीं कर सके हैं।

मायावती ने कांग्रेस पर भी जमकर निशाना साधा। उन्होंने कहा, ‘कांग्रेस ने बाबासाहेब के देहांत के बाद उनके नाम को और संविधान निर्माण में रहे उनके योगदान को मिटाने की भी पूरी-पूरी कोशिश की है। यह पार्टी अपने मकसद में कामयाब हो जाती, लेकिन मान्यवर कांशीराम के आगे आने से ऐसा नहीं हो सका। यही नहीं इस मिशन को मंजिल तक पहुंचाने के लिए मुझे भी अपनी जिंदगी समर्पित करनी पड़ी। लेकिन आज अलग-अलग पार्टियां तमाम हथकंडे अपनाकर उनकी विरासत को खत्म करना चाहती हैं।’

उन्होंने कहा कि बसपा की सरकार 4 बार यूपी में रही और लखनऊ एवं नोएडा में हमने उनके नाम पर कई भव्य स्मारक बनाए। उनके नाम पर हमने किए जिले भी बनाए, लेकिन समाजवादी पार्टी ने नामों को बदल दिया। मायावती ने कहा कि दलित समाज के तमाम संतों, गुरुओं को बसपा ने हमेशा सम्मान दिया है। अब कांग्रेस और भाजपा आदि की नींद उड़ी हुई है। मायावती ने कहा कि भाजपा जैसे दल तो अब मजबूर होकर कुछ कदम उठा रहे हैं। अब कांग्रेस भी दलित वर्ग को लुभाने के लिए किस्म-किस्म के हथकंडे अपना रही है। अब कांग्रेस भी यही कोशिश कर रही है कि अमित शाह के बयान के आधार पर वोट बटोर लिए जाएं।