गाजा
गाजा में चल रहे इजराइल और हमास जंग को लेकर फिलिस्तीन के स्वास्थ्य विभाग ने बड़ा दावा किया है. फिलिस्तीनी स्वास्थ्य अधिकारियों ने सोमवार को बताया कि गाजा में इजराइल और हमास के बीच जंग में अब तक 45000 से अधिक नागरिकों की मौत हो चुकी है. गाजा के स्वास्थ्य मंत्रालय ने दावा किया है कि पिछले 24 घंटों में बमबारी वाले क्षेत्र के अस्पतालों में 50 से अधिक मृतकों को लाया गया.
एएफपी की रिपोर्ट के मुताबिक, स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा कि युद्ध शुरू होने के बाद से 45,028 लोग मारे गए हैं और 106,962 अन्य घायल हुए हैं. इसके अलावा चेतावनी दी है कि वास्तविक मौत का आंकड़ा और भी ज्यादा हो सकता है क्योंकि हजारों की संख्या में शव उन मलबे के नीचे दबे हुए हैं जहां पर डॉक्टरों की टीम नहीं पहुंच पाई है.
अमेरिका लगातार इजरायल को जंग के दौरान मदद मुहैया करा रहा है। इसके खिलाफ आवाज उठाते हुए 5 फिलिस्तीनियों ने उस पर मानवाधिकार के हनन में शामिल होने का आरोप लगाते हुए मुकदमा दर्ज कराया है। मंगलवार को घोषित किए गए इस मुकदमे में अमेरिका पर केंद्रीय कानून को लागू करने में नाकाम रहने का आरोप लगाया गया है, जो न्यायेतर हत्याओं और यातना जैसे घोर उल्लंघनों में शामिल विदेशी सेनाओं को पैसा देने पर रोक लगाता है।
मुकदमे में क्या लिखा है?
मुकदमे में लिखा है, ''7 अक्टूबर, 2023 को गाजा जंग शुरू होने के बाद से इज़रायली मानवाधिकारों के उल्लंघन में तेजी आने के मद्देनजर लीही कानून को लागू करने में अमेरिका की तरफ से जानबूझकर की गई नाकामी चौंकाने वाली है।'' मुकदमे में कहा गया है कि अक्टूबर 2023 की शुरुआत से गाजा में इज़रायल की बमबारी और जमीनी कार्रवाइयों में 45,000 से ज्यादा फ़िलिस्तीनी मारे गए हैं। साथ ही संयुक्त राष्ट्र और दुनिया के प्रमुख अधिकार समूहों ने इज़रायली फौज पर नरसंहार समेत युद्ध अपराध करने का भी आरोप लगाया है।
वादी शिक्षिका ने बयां किया दुख
इस मामले में अमल गाजा नाम से जानी जाने वाली एक गाजा शिक्षिका वादी है। रिपोर्ट में कहा गया है कि जंग शुरू होने के बाद से उसे सात बार जबरन विस्थापित किया गया है और उसके परिवार के 20 सदस्य इजरायली हमलों में मारे गए हैं। मुकदमे के साथ दिए गए एक बयान में उसने कहा, ''अगर अमेरिका मानवाधिकारों का घोर उल्लंघन करने वाली इजरायली इकाइयों को सैन्य सहायता देना बंद कर दे, तो मेरी पीड़ा और मेरे परिवार को होने वाला अकल्पनीय नुकसान काफी हद तक कम हो जाएगा।''
45 हजार से ज्यादा लोगों की मौत
पिछले 14 महीने से जंग में 45 हजार से अधिक फिलिस्तीनी इजरायली सैन्य कार्रवाई में मारे जा चुके हैं। वहीं, घायलों की तादाद भी एक लाख के ऊपर है। इसके साथ ही बड़ी संख्या में लोग अपने घरों से विस्थापित हुए हैं। फिलिस्तीनी स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से जारी ताजा आंकड़े के मुताबिक इजरायली हमले में अब तक 45 हजार 25 फिलिस्तीनी मारे जा चुके हैं, जबकि एक लाख 9 हजार 62 घायल हुए हैं। मारे गए और घायलों में सबसे ज्यादा संख्या महिलाओं और बच्चों की है। स्वास्थ्य मंत्रालय का ये भी कहना है कि गाजा की 23 लाख की आबादी में से करीब 2 फीसदी आबादी को इजरायल मार चुका है, जबकि 4 फीसदी आबादी घायल है।
मृतकों में महिलाएं और बच्चे ज्यादा
मौत को लेकर स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से जो आंकड़े दिए गए हैं उसमें महिलाओं और पुरुषों की संख्या नहीं बताई गई है, लेकिन इतना जरूर कहा गया है कि मरने वालों में आधे से अधिक महिलाएं और बच्चे हैं. दूसरी ओर से इजराइली सेना का कहना है कि उसने बिना कोई सबूत दिए 17,000 से अधिक आतंकवादियों को मार गिराया है.
यह युद्ध इजराइल और हमास के बीच लड़ाई का अब तक का सबसे बुरे दौर में है, जिसमें मरने वालों की संख्या गाजा की लगभग 2.3 मिलियन की युद्ध-पूर्व आबादी का लगभग 2 फीसदी है.
इजराइल मौत के लिए हमास को ठहराता रहा है जिम्मेदार
इजराइल का दावा है कि नागरिकों की मौत के लिए हमास जिम्मेदार है क्योंकि यह घनी आबादी वाले गाजा पट्टी में नागरिक क्षेत्रों के भीतर से काम करता है. अधिकार समूहों और फिलिस्तीनियों का कहना है कि इजराइल नागरिकों की मौतों से बचने के लिए पर्याप्त सावधानी बरतने में विफल रहा है.
7 अक्टूबर, 2023 को शुरू हुई थी जंग
युद्ध तब शुरू हुआ जब हमास के नेतृत्व वाले आतंकवादियों ने 7 अक्टूबर, 2023 को दक्षिणी इजराइल में हमला किया, जिसमें लगभग 1200 लोगों की मौत हो गई, जिनमें ज्यादातर नागरिक थे, और अन्य 250 का अपहरण कर लिया. इजराइल ने भारी बमबारी और फिलिस्तीनी क्षेत्र में जमीनी घुसपैठ का जवाब दिया. लगभग 100 बंधक अभी भी गाजा के अंदर हैं, कम से कम एक तिहाई को मृत माना जा रहा है. बाकियों में से अधिकांश को पिछले साल युद्धविराम के दौरान रिहा कर दिया गया था.