Home मध्यप्रदेश मुख्यमंत्री यादव ने ABVP के प्रांतीय सम्मेलन का उद्घाटन किया

मुख्यमंत्री यादव ने ABVP के प्रांतीय सम्मेलन का उद्घाटन किया

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गुना

अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद का 57वां प्रांतीय अधिवेशन गुना में गुरुवार से शुरू हुआ। तीन दिन चलने वाले इस अधिवेशन का शुभारंभ CM डॉ. मोहन यादव ने किया। इस मौके पर ABVP के राष्ट्रीय संगठन मंत्री आशीष चौहान भी मौजूद रहे।

CM डॉ. यादव ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि परिषद के अधिवेशन में आकर बोलना रोमांच पैदा करता है और आनंद देता है। इसका एहसास अलग प्रकार का होता है। हमारे अतीत के कालक्रम पर जो बात कही है, वह एक, एक बात एकदम सही है।

दुनिया के कई देश अपनी शिक्षा को लेकर गौरवान्वित होते हैं कि हमारे पास सब है, लेकिन हम कहते हैं कि आपके कैंपस में विद्यार्थी परिषद नहीं है, तो सब फेल है। देश की आजादी के समय सत्ता के लालच में राष्ट्रवादी विचारधारा का दमन किया गया। इसके लिए उन्हें कभी माफ नहीं किया जाएगा।

विद्यार्थी परिषद सिखाता है कि सच्चा देशभक्त बनना। अपने अतीत के गौरव से जुड़कर भविष्य के लिए सोचना, इसी दृष्टि से हम आगे बढ़ेंगे। सर्वे भवन्तु की सोच के साथ जीवन गुजारे, केवल किताबी ज्ञान नहीं, बल्कि व्यावहारिक ज्ञान के साथ हम आगे बढ़ें, इसी सोच के साथ विद्यार्थी परिषद काम करती है।

दुनिया में आज भारत का मान बढ़ रहा

सीएम ने कहा- दुनिया में आज भारत का मान बढ़ रहा है। आने वाले समय में जल की उपलब्धता के आधार पर मध्यप्रदेश इस नई पीढ़ी के माध्यम से आगे बढ़ेगा। सरकार का प्रयास है कि एक एक इंच जमीन पर सिंचाई का रकबा बढ़ना चाहिए। नदी जोड़ने की कल्पना अटल बिहारी वाजपेयी ने की थी।

मोदी जी के नेतृत्व में इस योजना का अमल शुरू हो गया है। हमारी युवा पीढ़ी केवल रोजगार मांगने वाली नहीं, बल्कि रोजगार देने वाली बननी चाहिए। इसी सोच के साथ हमारी सरकार काम कर रही है, इसलिए जगह-जगह इंडस्ट्रियल कॉनक्लेव किए हैं।

आज की स्थिति में प्रदेश में 30 मेडिकल कॉलेज हैं। अगले एक साल में 52 मेडिकल कॉलेज हमारे यहां होंगे। केवल एलोपैथी में ही नहीं, आयुर्वेदिक में भी पांच मेडिकल कॉलेज जल्द शुरू हो रहे हैं। गुना में एग्रीकल्चर की सीट होगी, ये घोषणा यहीं से करते हैं, जो भी रोजगार देने वाले कोर्स हैं, वो खोलने के लिए सरकार प्रतिबद्ध है।

यह वीरों की धरती है – आशीष चौहान

राष्ट्रीय संगठन मंत्री आशीष चौहान ने कहा कि यह बहुत सुंदर अवसर है। यह जगह चंबल और मालवा का द्वार कहा जाता है। यह टेकरी सरकार की धरती है। यह वीरों की धरती है। विद्यार्थी परिषद ने मांग उठाई कि देश का नाम भारत होना चाहिए। संविधान की चर्चा हिंदी में भी होना चाहिए। हम सभी को जोड़ने की कोई एक भाषा होनी चाहिए। अपने शैशव काल में ही विद्यार्थी परिषद ने इस पर चर्चा की।

पहली विचार बैठक में ही शिक्षा परिवार का कॉन्सेप्ट लेकर आए। देश के सुदूर कोनों तक विद्यार्थी परिषद की पहुंच है। आज हम IIT, IIM, NIT सहित मेडिकल कॉलेजों के बीच में काम कर रहे हैं। हम कार्यकर्ता निर्माण का काम कर रहे हैं।

अधिवेशन की स्वागत समिति के अध्यक्ष राजेश मोहन अग्रवाल ने सभी अतिथियों का स्वागत किया। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री यहां उपस्थित इस छात्र शक्ति को ऐसा कोई मूल मंत्र दें कि गुना में आयोजित ये अधिवेशन राष्ट्र के निर्माण में मील का पत्थर साबित हो।

मुख्यमंत्री का शिक्षा के क्षेत्र में महत्वपूर्ण योगदान रहा है। हाल ही में तात्या टोपे यूनिवर्सिटी की सौगात गुना जिले को मिली है। उन्होंने उपस्थित जन समुदाय से निवेदन किया कि हमारी भावी पीढ़ी को दूषित वातावरण से बचाते हुए विद्यार्थी परिषद की राष्ट्रवादी विचारधारा से जोड़ने के लिए पुरजोर प्रयास करें।

प्रांत मंत्री संदीप वैष्णव ने कहा कि विद्यार्थी परिषद ने कई आंदोलनों का नेतृत्व किया है। छात्र शक्ति, राष्ट्र शक्ति के विचार के साथ विद्यार्थी परिषद आगे बढ़ता है।

पहली बार ABVP का प्रांत सम्मेलन गुना

अपनी स्थापना के बाद से पहली बार ABVP का प्रांत सम्मेलन गुना में आयोजित किया गया है। इसको लेकर दो महीने से तैयारियां शुरू हो गई थीं। तीन दिन तक यह सम्मेलन चलेगा। अधिवेशन स्थल से 20 दिसंबर को दोपहर बाद एक भव्य शोभा यात्रा शहर के विभिन मार्गों से होते हुए शास्त्री पार्क तक जाएगी।

यह शोभा यात्रा लगभग 3 किमी लंबी रहेगी, जिसका स्वागत विभिन्न स्थानों पर शहर के नागरिकों द्वारा किया जाएगा। इसके समापन पर एक खुला अधिवेशन भी होगा। इस संपूर्ण व्यवस्था को संभाल करने के लिए अभाविप गुना विभाग के कार्यकर्ता लगे हुए हैं।

इस अधिवेशन की व्यवस्था को 15 गट में विभाजित किया है, 15 गटों में 59 विभाग बनाए गए है। इन संपूर्ण व्यवस्था में 200 से अधिक वर्तमान कार्यकर्ता लगे हुए थे।

इसके बाद डेलीगेट सत्र शुरू होंगे। इसमें कई प्रस्ताव पेश किए जाएंगे 20 दिसंबर की सुबह भी प्रस्ताव पेश होंगे और उन पर चर्चा होगी। 20 दिसंबर को दोपहर 3 बजे से जुलूस निकाला जाएगा। स्टेडियम से शुरू होकर जुलूस शास्त्री पार्क पहुंचेगा।

यहां एक मंचीय कार्यक्रम होगा। इसके बाद जुलूस वापस स्टेडियम पहुंचेगा, शाम को सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित होंगे। 21 दिसंबर को सुबह के सत्र में पेश किए गए प्रस्तावों पर चर्चा होगी और उन्हें पारित किया जाएगा। शाम के सत्र में संगठनात्मक घोषणाएं होंगी। इसमें कार्यकारिणी की घोषणा की जाएगी।