रीवा
सहकारी संस्था इफको द्वारा नैनो उर्वरक उपयोग संगोष्ठी सह प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में जिले के सभी समिति प्रबंधक, बिक्री सहायक, समिति प्रशासक एवं शाखा प्रबंधको ने भाग लिया। कार्यक्रम में उपस्थित उपायुक्त सहकारिता ने अपने उद्बोधन में कहा कि देश के प्रधानमंत्री ने कृषि में अनुसंधान पर काफी बल दिया है ताकि हमारे किसान भाइयों की मिट्टी बची रहे एवं हमारा पर्यावरण भी सुरक्षित रहें। इसी अनुसंधान के रूप में नैनो यूरिया एवं नैनो डीएपी हमारे सामने आया है। इसका छिड़काव पत्तों के ऊपर किया जाता है, जो कि शीघ्र ही पौधों द्वारा अवशोषित कर लिया जाता है।
इससे हमारी मिट्टी सुरक्षित रहेगी एवं इसका पर्यावरण पर भी कोई दुष्प्रभाव नहीं पड़ेगा। उन्होंने समितियों के आर्थिक सुदृढ़ीकरण हेतु व्यवसाय विविधीकरण पर बल देते हुए कहा की सभी समितियों को इफको द्वारा उपलब्ध कराए जा रहे नैनो उर्वरक, सागरिका एवं अन्य गैर अनुदानित उर्वरक का व्यवसाय करना चाहिए।
इस अवसर पर इफको के राज्य विपणन प्रबंधक पी सी पाटीदार ने राज्य में उर्वरक व्यवस्था एवं उर्वरक से संबंधित नीतियों के बारे में विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने सभी समितियों को इफको के तरफ से हर संभव सहयोग करने का आश्वासन दिया। उन्होंने कहा कि इफको द्वारा समितियों एवं किसानों के स्तर पर नैनो उर्वरक के छिड़काव हेतु पर्याप्त संसाधन उपलब्ध कराने का प्रयास किया जा रहा है। कार्यक्रम में उपस्थित उप संचालक कृषि यू पी बागरी, प्राचार्य कृषि विस्तार एवं प्रशिक्षण संस्थान संजय श्रीवास्तव ने बताया कि नैनो उर्वरक वर्तमान समय की मांग है तथा हमारी मिट्टी, पर्यावरण एवं किसानों के लिए काफी लाभप्रद है।
जिला सहकारी केंद्रीय बैंक रीवा के महाप्रबंधक ज्ञानेंद्र पाण्डेय ने सभी समितियों से इफको द्वारा उपलब्ध कराए जा रहे अवसर का लाभ उठाने का आह्वान किया, ताकि समितियां आर्थिक रूप से सुदृढ़ हो सके। प्रशिक्षण में इफको के मुख्य प्रबंधक आरकेएस राठौर ने नैनो यूरिया तथा नैनो डीएपी एवं इफको के अन्य विशिष्ट उत्पाद सागरिका, जैव उर्वरक एवं बायो डीकंपोजर के बारे में जानकारी दी। कार्यक्रम में अपेक्स बैंक के संभागीय प्रबंधक श्री नेमा तथा इफको जबलपुर के मुख्य प्रबंधक राजेश मिश्रा भी उपस्थित रहे। कार्यक्रम का संचालन इफको के क्षेत्रीय अधिकारी श्री कुमार मनेंद्र के द्वारा किया गया।