रायगढ़
संख्या बल होने के बाद भी चुनाव में करारा हार का सामना करने के उपरांत सवा तीन साल बाद कांग्रेस ने घरघोड़ा नगर पंचायत में 11 मत से विश्वास हासिल कर अध्यक्ष की कुर्सी को अपने कब्जे में की है।
गौरतलब हो कि नगर पंचायत घरघोड़ा पिछले एक दशक से सुर्खियों में बना हुआ है। कुर्सी से लेकर अधिकारी की आपसी खींचतान विवादों में लाकर खड़ा कर रख दिया हैं इन सभी के बीच कांग्रेस द्वारा भाजपा अध्यक्ष के विरुद्ध अविश्वास प्रस्ताव पखवाड़े भर पहले लाए थे। इसके लिए 1 मई को मतदान प्रशासनिक अधिकारी तथा पुलिसिया सुरक्षात्मक ढांचे के बीच मे 11 बजे आरंभ हुआ। जहां अविश्वास मत के लिए सभी प्रक्रिया शुरूआत किया गया। वहीं इसमें जीत के लिए कांग्रेस को 10 मत हासिल करना था जबकि संख्या बल के लिहाज से पंचायत में कांग्रेस के पास 8 पार्षद है तथा बीजेपी के पास 5 एवं दो निर्दलीय है। इनमे से शुरूआत से ही एक निर्दलीय का समर्थन बीजेपी को मिला हुआ था। इधर मतदान आरंभ होते ही कांग्रेस खेमे की रणनीति व क्रॉस वोटिंग के भय से जिले से बाहर रखने की योजना कारगर साबित हुआ। यहीं वजह रहा कि वोटिंग में कांग्रेस को 11 मत मिला जबकि भाजपा के खाते में 3 मत आए।
जबकि एक महिला पार्षद की सेहत खराब होने के चलते इस प्रक्रिया में हिस्सा नही ले पाई। इस तरह उठापटक के दौर बीच कांग्रेस ने साख को बचाते हुए नगर पंचायत अध्यक्ष की कुर्सी को कब्जा जमाने मे सफल हो पाए है। अविश्वास मत में विश्वास मत हासिल करने से कांग्रेस खेमे में उत्साह का माहौल बना हुआ है, आतिशबाजी का दौर चल रहा है, एक दूसरे को मिठाई खिलाकर बधाई दे रहे है। जबकि परिस्थितियों के संजोग पर भाजपा खेमे में निराशा है।