देहरादून.
प्रापर्टी डीलर मंजेश की हत्या के एक आरोपित को दून पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। घटना में शामिल एक अन्य आरोपित फरार है, जिसकी तलाश में दबिश दी जा रही है। आरोपितों ने 38 लाख रुपये के लालच में मंजेश कुमार की हत्या की है। दोनों आरोपितों के विरुद्ध पूर्व में हत्या के मुकदमे दर्ज हैं और वह जेल जा चुके हैं। आरोपित कुछ समय पहले ही मंजेश कुमार के साथ प्रापर्टी के काम से जुड़े थे।
किराये के मकान में एक शव बरामद
बीते शनिवार सुबह यमुनोत्री विहार फेस-2 चंद्रबनी में एक किराये के मकान में एक शव बरामद हुआ था। घटनास्थल पर पहुंची पुलिस ने जांच की तो पता चला कि व्यक्ति की हत्या गला घोंटकर की गई है। मृतक की पहचान मंजेश कुमार उम्र 42 वर्ष, निवासी गांजा माजरा खेड़ी, जिला हरिद्वार के रूप में हुई। मकान मालिक प्रदीप कुमार बौडीयाल से जब पुलिस ने पूछताछ की गई तो पता चला कि दो माह पहले उन्होंने मकान के ऊपर एक कमरा सचिन निवासी भगवानपुर, हरिद्वार को किराये पर दिया था। कमरे में उसका एक साथी अर्जुन का भी आना-जाना था। शुक्रवार रात को कमरे में सचिन व अर्जुन के साथ मंजेश भी रुका था। घटना के बाद से ही सचिन और अर्जुन फरार हो गए।
प्रापर्टी का काम करता था मंजेश
पुलिस ने मृतक के स्वजन से संपर्क कर उनको मौके पर बुलाया। पूछताछ में पता चला कि मंजेश प्रापर्टी का काम करता था तथा अर्जुन उसके साथ काफी समय से काम कर रहा था। इस मामले में पटेलनगर कोतवाली पुलिस ने मृतक मंजेश के भाई सचिन कुमार की तहरीर पर अर्जुन व सचिन के खिलाफ हत्या का मुकदमा दर्ज किया। पटेलनगर कोतवाली व एसओजी की टीम ने आरोपितों के बारे में जानकारी जुटाई तो पता चला कि मंजेश की हत्या के बाद दोनों आरोपित मकान के पीछे छत से नीचे कूद गए थे, जिसमें सचिन के पैर में चोट आई थी। इसके बाद आरोपित भगवानपुर में एक अस्पताल में भर्ती हो गया।
पुलिस से बचने के लिए आरोपित भगवानपुर से सहारनपुर चला गया। सूचना पर तत्काल पटेलनगर कोतवाली के प्रभारी निरीक्षक कमल कुमार लुंठी की देखरेख में एक टीम सहारनपुर रवाना किया गया। लेकिन इससे पहले आरोपित सरेंडर करने के लिए देहरादून पहुंच गया। पुलिस ने कोर्ट पहुंचने से पहले ही उसे आशारोड़ी के निकट गिरफ्तार कर लिया। पूछताछ में आरोपित सचिन ने बताया कि उसने अपने साथी अर्जुन के साथ मिलकर मंजेश की गला घोंटकर हत्या की थी।
भगवानपुर व डोईवाला में हत्या के केस में गए जेल
वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक अजय सिंह के अनुसार पूछताछ में आरोपित सचिन ने बताया कि पूर्व में भगवानपुर थाने से वह हत्या के मुकदमे में जेल गया था, जिसमें कुछ महीने पहले ही वह जमानत पर रिहा हुआ है। जेल में उसकी जान-पहचान अर्जुन से हुई। अर्जुन भी वर्ष 2019 में डोईवाला में मलकीत सिंह की हत्या के केस में जेल गया था और एक साल पहले जमानत पर बाहर आया था। अर्जुन ने सचिन को प्रापर्टी डीलर मंजेश के साथ काम करने की बात बताई। आरोपित सचिन देहरादून में रेपिडो का काम कर रहा था और उसने यमुनोत्री विहार फेज-2 में एक कमरा किराये पर लिया था, जहां अक्सर अर्जुन उसके साथ खाने-पीने के लिए बैठता था।
मंजेश के खाते में 38 लाख रुपये होने की थी भनक
घटना से पांच दिन पहले अर्जुन ने सचिन को बताया कि मंजेश ने प्रापर्टी में काफी रुपये कमाए हैं। मंजेश के खाते में 38 लाख रुपये हैं, जिसकी सारी डिटेल उसके पास है। मंजेश को मारकर उसके सारे रुपये निकाल सकते हैं, जिसे दोनों आधा आधा बाट लेंगे। लालच में आकर दोनों ने हत्या की साजिश रची। योजना के मुताबिक शुक्रवार रात दोनों ने मंजेश को सचिन के कमरे में बुलाया, जहां पहले तीनों ने बैठकर शराब पी। रात करीब 11 बजे जैसे ही मंजेश अपने घर के लिए कमरे से निकलने लगा तो दोनों ने मिलकर उसके हाथ-पैर पकड़ लिए और गला दबाकर उसकी हत्या कर दी।