मुख्यमंत्री निवास पर हुआ आध्यात्मिक प्रवचन और दिव्य सत्संग
भोपाल
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि भारतीय संस्कृति में तपस्या और साधना का सबसे ज्यादा महत्व है। परम पूज्य गुरु जी षण्मुखानंद जी महाराज तपस्वी और साधक संत हैं। हम लोगों का सौभाग्य है कि उनके दर्शन यहां कर पा रहे हैं। वे ज्ञान, भक्ति और कर्म के त्रिवेणी संगम हैं।
मुख्यमंत्री चौहान आज मुख्यमंत्री निवास में हीरापुर वाले परम पूज्य सदगुरु, माँ नर्मदा के अनन्य साधक षण्मुखानंद जी महाराज के पावन सानिध्य में आध्यात्मिक प्रवचन और दिव्य सत्संग कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे।
पूज्य षण्मुखानंद जी महाराज ने मुख्यमंत्री चौहान और उनकी धर्मपत्नी श्रीमती साधना सिंह चौहान को आशीर्वाद प्रदान किया। चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग, लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री डॉ. प्रभुराम चौधरी, पूर्व मंत्री रामपाल सिंह सहित बड़ी संख्या में भक्तजन एवं नागरिक उपस्थित थे।
मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि भारतीय संस्कृति अद्भुत है। प्राणियों में सद्भाव और विश्व का कल्याण की भावना हमारी संस्कृति में निहीत है। भगवान कृष्ण ने गीता में जो लक्षण भक्त के बताए थे, वे सभी गुरुदेव में निहीत हैं। मैं आप सबके कल्याण की कामना करता हूँ।
मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि भारत दुनिया को राह दिखाएगा, आज वह समय आ गया है। भारत माता फिर से विश्व गुरु के पद पर आसीन हो रही है। मुख्यमंत्री चौहान और उनकी धर्मपत्नी श्रीमती साधना सिंह ने संत षण्मुखानंद जी महाराज का आरती उतार कर और पुष्पहार से स्वागत किया़। भक्तों ने भी पुष्प-वर्षा कर गुरूदेव का स्वागत किया। कार्यक्रम का शुभारंभ दीप प्रज्ज्वलित कर किया गया।
पूज्य संत षण्मुखानंद जी महाराज ने कहा कि आजादी से बढ़ कर सुख दुनिया में कोई नहीं है। अपने बेटा-बेटी उन्नति करें तो माता-पिता और भगवान को भी खुशी होती है। मुख्यमंत्री चौहान प्रदेश को उन्नति के पथ पर ले जा रहे हैं। उनके अंदर संस्कार हैं और उनका आध्यात्मिक ज्ञान बेहतर है। मानव शरीर बड़ी दुर्लभता से मिलता है। इसलिए जीवन में हमेशा अच्छे कर्म करते रहना चाहिए।