भोपाल
मध्य प्रदेश में अब पुलिस केस डायरी कोर्ट में ऑनलाइन पहुँचेगी। पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर पांच जिलों में इसे शुरू किया गया है। सफल रहा तो सभी जिलों में लागू होगा। पुलिस मुख्यालय का कहना है कि मध्य प्रदेश बेल एप्लीकेशन मैनेजमेंट सिस्टम बनाने वाला देश का पहला राज्य है। यह सिस्टम जमानत के आवेदनों को ऑनलाइन मैनेज करेगा। इससे समय और पैसा दोनों बचेगा।
पुलिस मुख्यालय ने हाई कोर्ट के सुझाव पर इस सिस्टम का सॉफ्टवेयर तैयार करवाया है। इससे केस डायरी कोर्ट पहुंचने में होने वाली देरी कम होगी। पहले ई-समन लागू करने वाला भी मध्य प्रदेश पहला राज्य बना था। अब यह नया सिस्टम भी न्यायिक प्रक्रिया को और तेज़ और आसान बनाएगा।
इन जिलों में शुरू हुआ काम
बेल एप्लीकेशन मैनेजमेंट सिस्टम अभी इंदौर, राजगढ़, देवास, सागर और भोपाल में शुरू हुआ है। पहले जमानत के लिए हाई कोर्ट, एसपी को पत्र लिखकर केस डायरी मांगता था। फिर एसपी थाने को सूचित करते थे। इसके बाद विवेचना अधिकारी डायरी तैयार करता था। इस पूरी प्रक्रिया में बहुत समय लगता था। नए सिस्टम से यह सब ऑनलाइन हो जाएगा। इससे आईओ का समय बचेगा, पुलिस का समय बचेगा और कोर्ट का समय भी बचेगा।
इस तरह से काम करेगी प्रक्रिया
मान लीजिए भोपाल में किसी पर केस दर्ज हुआ है। अब आरोपी जमानत के लिए हाई कोर्ट में आवेदन देता है। हाई कोर्ट अब सीधे ऑनलाइन सिस्टम के जरिए केस डायरी मंगा सकता है। आईओ डायरी ऑनलाइन अपलोड करेगा। इससे कागजी कार्रवाई और उसमें लगने वाला समय बचेगा।
पुलिसकर्मियों का कीमती समय बचेगा
इससे पुलिसकर्मियों को बार-बार कोर्ट आना-जाना नहीं पड़ेगा। उनका कीमती समय बचेगा, जिसका इस्तेमाल वे दूसरे जरूरी कामों में कर सकेंगे। इस तकनीकी बदलाव से न्यायिक प्रक्रिया में पारदर्शिता भी बढ़ेगी। सभी जानकारी ऑनलाइन उपलब्ध होगी, जिससे किसी भी तरह की गड़बड़ी की गुंजाइश कम होगी। आने वाले समय में अगर यह सिस्टम सफल रहता है, तो इसे पूरे मध्य प्रदेश में लागू किया जाएगा। इससे राज्य में न्याय व्यवस्था और मजबूत होगी।