भोपाल
वन्यजीव हमलों में होने वाली मौतों के लिए मध्य प्रदेश सरकार ने मुआवजा राशि बढ़ाकर 25 लाख रुपये कर दी है। पहले यह राशि सिर्फ 8 लाख रुपये थी। नई व्यवस्था में पीड़ित परिवार को तुरंत 10 लाख रुपये मिलेंगे और बाकी 15 लाख रुपये की FD बनाई जाएगी। यह कदम मानव-वन्यजीव संघर्ष की बढ़ती घटनाओं के मद्देनजर उठाया गया है। मध्य प्रदेश का मुआवजा अब महाराष्ट्र के बराबर हो गया है।
दो किश्तों में जाएगी राशि
यह महत्वपूर्ण बदलाव मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की घोषणा के बाद आया है। वन विभाग इस संबंध में एक प्रस्ताव तैयार कर रहा है, जिसे जल्द ही कैबिनेट में पेश किया जाएगा। इससे पहले, वन्यजीव हमले में मौत पर मिलने वाला मुआवजा महाराष्ट्र के मुकाबले काफी कम था। अब बढ़ी हुई राशि से पीड़ित परिवारों को कुछ आर्थिक राहत मिल सकेगी। यह राशि दो किस्तों में दी जाएगी। पहली किस्त 10 लाख रुपये की तत्काल दी जाएगी। बाकी 15 लाख रुपये की FD की जाएगी। इस FD में से 10 लाख रुपये 5 साल बाद और 5 लाख रुपये 10 साल बाद मिलेंगे। यह राशि मृतक के वारिसों को ब्याज समेत मिलेगी।
हर साल आते हैं 40 मामले
वर्तमान में, वन विभाग के पास हर साल वन्यजीव हमलों में मौत के लगभग 40 मामले आते हैं। इसके लिए करीब 3 करोड़ रुपये का बजट रखा जाता है। नया प्रस्ताव कैबिनेट में पेश होने के बाद इस बजट में भी इजाफा होने की उम्मीद है। महाराष्ट्र में भी इसी तरह की व्यवस्था है, जहां वन्यजीव हमले में मौत पर 25 लाख रुपये का मुआवजा दिया जाता है। मध्य प्रदेश में अभी तक मौत पर 8 लाख, इलाज पर खर्च की गई राशि और स्थायी अपंगता पर 2 लाख रुपये दिए जाते थे। वहीं, छत्तीसगढ़ में 6 लाख, उत्तर प्रदेश, राजस्थान और गुजरात में 5-5 लाख रुपये मुआवजा दिया जाता है।
हैरान करने वाले हैं आंकड़े
मध्य प्रदेश में बाघ, तेंदुए जैसे मांसाहारी जानवरों का रिहायशी इलाकों में आना बढ़ रहा है। इससे मानव-वन्यजीव संघर्ष की घटनाएं भी बढ़ रही हैं। पिछले पांच सालों में वन्यजीव हमलों में 292 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है। वर्ष 2023-24 में अक्टूबर तक वन्यजीव हमलों में मौत, घायल होने और पशुओं के नुकसान के मामलों में 15 करोड़ 3 लाख रुपये का मुआवजा दिया जा चुका है। यह आंकड़ा इस समस्या की गंभीरता को दर्शाता है।
एमपी से सटे प्रदेशों में भी अलग है राशि
मध्य प्रदेश से सटे राज्यों में मुआवजा राशि अलग-अलग है। छत्तीसगढ़ में जनहानि पर 6 लाख रुपये मिलते हैं, लेकिन स्थायी अपंगता पर कोई मुआवजा नहीं है। उत्तर प्रदेश में जनहानि पर 5 लाख और स्थायी अपंगता पर 4 लाख रुपये मिलते हैं। राजस्थान में जनहानि पर 5 लाख और स्थायी अपंगता पर 3 लाख रुपये मिलते हैं। गुजरात में जनहानि पर 5 लाख और स्थायी अपंगता पर 2 लाख रुपये मिलते हैं। महाराष्ट्र में जनहानि पर 25 लाख और स्थायी अपंगता पर 7.5 लाख रुपये मिलते हैं।