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भीड़ में से आ रही थी आवाज, संभल हिंसा की FIR से बड़े खुलासे, ‘छीन लो हथियार, पुलिसवाले बचकर न जा पाएं’

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संभल

यूपी के संभल में शाही जामा मस्जिद के सर्वे के दौरान भड़की हिंसा में चार लोगों की मौत हो गई. दर्जन भर से अधिक पुलिसवाले घायल हो गए. कई वाहनों को आग के हवाले कर दिया गया. हालात ऐसे हो गए कि शहर में इंटरनेट के साथ-साथ स्कूल और कॉलेज बंद रखने का आदेश देना पड़ा. फिलहाल, इलाके में भारी पुलिस तैनात है. पुलिस उपद्रवियों की धरपकड़ में जुटी हुई है. इस बीच संभल हिंसा मामले में दर्ज की गई पुलिस की एफआईआर से सनसनीखेज खुलासा हुआ है. एफआईआर के मुताबिक, भीड़ ने सोची समझी साजिश के तहत एक राय होकर पुलिस पर पत्थरबाजी शुरू की थी. इतना ही नहीं जान से मारने की नीयत से पुलिस पर गोली चलाई गई. दंगाई पुलिसकर्मी की 9 MM की मैगजीन तक लूट ले गए. पिस्टल छीनने की भी कोशिश हुई.

संभल बवाल मामले में पुलिस ने जो एफआईआर दर्ज की है उसके मुताबिक, हिंसक भीड़ ने CCTV तोड़ डाला था ताकि उनकी करतूत रिकॉर्ड ना हो सके. भीड़ में शामिल कुछ उपद्रवियों ने पुलिसवालों की पिस्टल छीनने की कोशिश की. आखिर में सरकारी 9 MM की मैगजीन लूट ले गए, जिसमें 10 राउंड गोलियां थीं.  

जामा मस्जिद का सर्वे
एफआईआर के अनुसार, संभल के नखासा चौक पर 150-200 लोगों की भीड़ ने दोपहर 12:35 पर CCTV सबसे पहले कैमरों को तोड़ा. फिर भीड़ ने हॉकी, डंडों और पत्थरों से पुलिस पर जान से मारने की नीयत से हमला करना शुरू कर दिया. भीड़ में शामिल गुलबदीन, सुल्तान, हसन, मुन्ना पुत्र जब्बार, फैजान, समद आदि के साथ सैकड़ों की संख्या में अज्ञात भीड़ ने पुलिसकर्मियों पर जान लेने की नीयत से हमला किया, फिर उनकी गाड़ी में आग लगा दी.

उक्त भीड़ ने पुलिस की सरकारी पिस्टल छीनने की कोशिश की, जब कामयाब नहीं हुई तो एक पुलिस वाले की पिस्टल की मैगजीन  यानि 10 राउंड कारतूस छीन कर फरार हो गए. इस इलाके में हुए हमले में कई पुलिसकर्मी घायल हो गए.

'हम अपनी मस्जिद में सर्वे नहीं होने देंगे'

संभल हिंसा में दर्ज एफआईआर के मुताबिक, भीड़ में से चिल्लाकर आवाज आई- 'हसन, अजीम, सलीम, रिहान, हैदर, वसीम, अयान… इन पुलिस वालों से सारे हथियार कारतूस छीन लो, इनको आग लगाकर मार दो, कोई भी बचकर ना जाने पाए हम अपनी मस्जिद में सर्वे नहीं होने देंगे.' ये सब बोलते हुए भीड़ पुलिस वालों पर जान से मारने की नियत से लगातार फायरिंग कर रही थी.  

ये भीड़ सुबह तकरीबन 8:45 पर जामा मस्जिद की ढलान पर एकत्र हुई थी. जिसमें 800 से 900 लोग थे. भीड़ ने पहले नारेबाजी शुरू की और फिर पत्थरबाजी करने लगी. पुलिस ने बहुत समझाया लेकिन भीड़ नहीं मानी.

एफआईआर में लिखा है कि भीड़ ने सब इंस्पेक्टर की सरकारी पिस्टल छीनने की कोशिश की, सब इंस्पेक्टर ने पिस्टल नहीं छोड़ी तो पिस्टल की मैगजीन लूट कर भाग गए. इस बीच भीड़ लगातार पुलिस वालों पर जान से मारने की नियत से फायरिंग करती रही. वहीं, सर्वे टीम मस्जिद में फंसी हुई थी, जिसके साथ भीड़ कुछ भी कर सकती थी, इसलिए एक्स्ट्रा फोर्स बुलानी पड़ी. भीड़ ने आंसू गैस के गोले भी लूट ले गई.

भीड़ से बोला सुहैल इकबाल- अपने मंसूबे पूरे करो, संभल FIR की डिटेल

उत्तर प्रदेश के संभल में हुई हिंसा के मामले में पुलिस ने समाजवादी पार्टी के सांसद जिया-उर-रहमान बर्क और स्थानीय सपा विधायक इकबाल महमूद के बेटे सोहेल इकबाल के खिलाफ मामला दर्ज किया है और 25 लोगों को गिरफ्तार किया है. इस मामले में पुलिस ने 6 FIR दर्ज की हैं, आजतक के पास संभल हिंसा की FIR है. इसमें बड़ा खुलासा किया गया है.

FIR में जिक्र है कि समाजवादी पार्टी के सांसद जियाउर्रहमान बर्क ने राजनीतिक लाभ के लिए भीड़ को भड़काया और सांप्रदायिक माहौल बिगाड़ा. हिंसा से 2 दिन पहले सांसद बर्क प्रशासन की अनुमति के बिना जामा मस्जिद गए थे.

संभल हिंसा की FIR में आरोपी नंबर 1- जियाउर्रहमान बर्क को बनाया गया है, जबकि आरोपी नंबर 2- सुहैल इकबाल को बनाया गया है. इसके साथ ही 700- 800 अज्ञात लोगों को भी आरोपी बनाया गया है. FIR के मुताबिक कोर्ट के आदेश पर 24 नवंबर को जामा मस्जिद का सर्वे किया जा रहा था, तभी सुबह 9 बजे 700 से 800 अज्ञात लोगों की भीड़ घातक हथियारों से लैस होकर जामा मस्जिद के सर्वे की प्रक्रिया को बाधित करने के उद्देश्य से आ गई.

जियाउर्रहमान बर्क ने भड़काऊ बयानबाजी की

FIR में जिक्र है कि 22 नवंबर को जियाउर्रहमान बर्क ने जामा मस्जिद में नमाज अदा करने के दौरान बिना प्रशासन की अनुमति के भीड़ को जुटाया और भड़काऊ बयानबाजी की और राजनीतिक लाभ लेने के लिए सांप्रदायिक सौहार्द बिगाड़ने के लिए भीड़ को उग्र किया गया.

सुहैल इकबाल भीड़ से बोले- अपने मंसूबे पूरे करो

एफआईआर के मुताबिक 24 नवंबर को सर्वे की प्रक्रिया को बाधित करने आई भीड़ में सुहैल इकबाल मौजूद थे. सुहैल ने भीड़ को ये कहकर उकसाया कि जियाउर्रहमान बर्क हमारे साथ हैं, हम लोग तुम्हारे साथ हैं, कुछ नहीं होने देंगे. अपने मंसूबे पूरे करो, इतना सुनकर भीड़ और उग्र हो गई.

उग्र भीड़ ने पुलिसवालों पर पत्थरबाजी की

पुलिस ने भीड़ से शांति बनाए रखने की अपील की, लेकिन उग्र भीड़ ने नारेबाजी शुरू की और फिर पुलिसवालों पर पत्थरबाजी की. इतना ही नहीं, पुलिस की गाड़ियों को तोड़ा, गाड़ियों में आग लगा दी. भीड़ में से एक शख्स ने क्षेत्राधिकारी अनुज चौधरी पर जान से मारने की नियत से फायरिंग की, जिसमें अनुज के पैर में गोली लगी और वो घायल हो गए.

हिंसा के बाद सियासत शुरू

बता दें कि संभल में स्थानीय लोगों ने मुगलकालीन मस्जिद के सर्वे का विरोध किया था. स्थानीय लोगों और सुरक्षाकर्मियों के बीच झड़प में 4 लोगों की मौत हो गई थी. हिंसा के एक दिन बाद विपक्षी दलों ने केंद्र और उत्तर प्रदेश में सत्तारूढ़ भाजपा पर हमला किया. समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव ने राज्य सरकार पर दंगा कराने का आरोप लगाया, जबकि वरिष्ठ कांग्रेस नेता राहुल गांधी और प्रियंका गांधी ने आरोप लगाया कि सत्तारूढ़ पार्टी हिंदुओं और मुसलमानों के बीच दरार पैदा कर रही है. भाजपा ने पलटवार करते हुए हिंसा को पूर्व नियोजित बताया और कहा कि यह उन लोगों द्वारा भड़काया गया था, जो देश में पार्टी के उदय से हैरान हैं, खासकर उत्तर प्रदेश विधानसभा उपचुनावों में इसके प्रदर्शन के बाद.

संभल में हालात सामान्य

संभल में सोमवार को तनाव रहा, लेकिन शांति रही. शाही जामा मस्जिद के आसपास की सड़कें सुनसान थीं, पूरे इलाके में भारी पुलिस बल तैनात था और गश्त जारी थी. अधिकारियों ने बताया कि यातायात सामान्य था और कुछ दुकानें खुली थीं.

हिंसा में गई चार लोगों की जान

19 नवंबर से ही संभल में तनाव की स्थिति बनी हुई थी, जब जामा मस्जिद का पहली बार सर्वे किया गया था. यह सर्वे एक याचिका के बाद किया गया था, जिसमें दावा किया गया था कि इस स्थल पर कभी हरिहर मंदिर हुआ करता था. रविवार को सर्वे दल ने अपना काम शुरू किया, तो मस्जिद के पास बड़ी संख्या में लोग एकत्र हो गए और नारे लगाने लगे. प्रदर्शनकारियों ने सुरक्षाकर्मियों के साथ झड़प की, वाहनों को आग लगा दी और पथराव किया. हिंसा में 4 लोगों की मौत हो गई.