नई दिल्ली
ठीक दस बरस पहले वर्ष 2013 के दिल्ली विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी की जीत के बाद तत्कालीन कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने कहा था कि हम आप से सीखेंगे, आम आदमी को कांग्रेस से जोड़ेंगे। इतने साल बाद कांग्रेस चुनावी वादों की दौड़ में आम आदमी पार्टी की राह पर है। पार्टी फ्री बिजली, पानी और मुफ्त बस यात्रा के वादे कर रही है।
कांग्रेस ने बिजली के वादे की शुरुआत उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव से की थी। पार्टी ने चुनाव घोषणा पत्र उन्नति विधान में बिजली बिल आधा करने और कोरोना काल का बकाया माफ करने का वादा किया था। हालांकि, चुनाव में वादे बहुत असरदार साबित नहीं हुए। इसके बाद गुजरात विधानसभा चुनाव में पार्टी ने 300 यूनिट तक मुफ्त बिजली का वादा किया। कांग्रेस ने राजधानी दिल्ली के मोहल्ला क्लीनिक की तर्ज पर गुजरात में नगर पालिका और महानगर पालिका की आवसीय सोसायटियों में पब्लिक क्लीनिक खोलने की भी बात कही।
गुजरात विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी भी पूरी शिद्दत से चुनाव लड़ रही थी और उसने भी मुफ्त बिजली का वादा किया। हालांकि भाजपा विरोधी मतदाताओं ने कांग्रेस के मुकाबले आम आदमी पार्टी के वादों पर ज्यादा भरोसा जताया। पर हिमाचल प्रदेश चुनाव में 300 यूनिट मुफ्त बिजली का वादा असरदार साबित हुआ। पार्टी ने जीत हासिल की।
अब कर्नाटक चुनाव में कांग्रेस ने आम आदमी पार्टी की राह पर चलते हुए महिलाओं को सार्वजनिक परिवहन बसों में मुफ्त यात्रा का वादा किया है। यह पार्टी की पांचवीं गारंटी है। इससे पहले पार्टी ने 200 यूनिट फ्री बिजली, परिवार की प्रमुख महिला को दो हजार रुपए हर माह, बीपीएल परिवार के हर सदस्य को 10 किलो मुफ्त चावल और बेरोजगारों को तीन हजार रुपए भत्ता देने का आश्वासन दिया।
उत्तर प्रदेश निकाय चुनाव में कांग्रेस ने अपने घोषणा पत्र में मुफ्त पेयजल उपलब्ध कराने का वादा किया है। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष बृजलाल खाबरी ने 18 सूत्रीय घोषणा में कहा कि हर नागरिक को शुद्ध पेयजल निशुल्क उपलब्ध कराया जाएगा। राजधानी दिल्ली में आम आदमी पार्टी सरकार हर माह 20 हजार लीटर पानी फ्री उपलब्ध कराती है। ऐसे में साफ है कि कांग्रेस विधानसभा चुनाव के दौरान चुनावी वादे करने में आम आदमी पार्टी की राह पर चल रही है।