सागर
सागर जिले के देवरी कलां पुलिस थाने में खड़ी एक दुर्घटनाग्रस्त कार से 54 किलो 66 ग्राम डोडा चूरा जब्त हुआ है। मामले में कार्रवाई करते हुए पुलिस ने कार चालक के खिलाफ एनडीपीएस एक्ट के तहत प्रकरण दर्ज कर जांच में लिया है। पुलिस जब्त डोडा चूरा के संबंध में जानकारी जुटा रही है।
दरअसल, 28 अक्तूबर को देवरी थाना क्षेत्र में नेशनल हाईवे-44 पर चीमाढ़ाना के पास तेज रफ्तार कार आगे चल रहे ट्रक में घुस गई थी। दुर्घटना में कार सवार पति श्यामलाल पिता काशीनाथ ठाकुर 55 वर्ष और पत्नी मुन्नी बाई पति श्यामलाल ठाकुर उम्र 50 वर्ष दोनों निवासी मदन महल जबलपुर की मौत हुई। वहीं उनका बेटा कन्हैया ठाकुर गंभीर घायल हुआ था। जिसे जबलपुर रैफर किया गया था। घटना का कारण कार ड्राइवर को नींद का झोंका आना बताया गया था। घटना के बाद पुलिस मौके पर पहुंची और शवों का पंचनामा बनाकर पोस्टमार्टम कराया। वहीं क्षतिग्रस्त हुई कार को क्रेन की मदद से देवरी थाना परिसर में रखवाया गया।
इसी बीच पुलिस को सूचना मिली कि कार में अवैध मादक पदार्थ है। सूचना मिलते ही पुलिस ने कार की तलाशी ली। तलाशी में पीछे की सीट और डिक्की में बोरे रखे मिले। जिन्हें खोलकर देखा तो उसमें छोटे-छोटे प्लास्टिक के पैकेट भरे हुए थे। उन पैकेटों पर क्रीमी कोकोनट और कुछ में टरमरिक लिखा हुआ था। उक्त पैकेटों में डोडाचूरा था। पुलिस ने तुलाई कराई तो प्रत्येक पैकेट 250 ग्राम वजनी निकला। कार से 215 पैकेट वजनी 54 किलो 66 ग्राम डोडाचूरा जब्त किया गया है। जिसकी कीमत करीब 1.08 लाख रुपए है। मामले में पुलिस ने कार्रवाई करते हुए कार चालक और हादसे में घायल हुए कन्हैया ठाकुर के खिलाफ एनडीपीएस एक्ट के तहत प्रकरण दर्ज किया है।
देवरी पुलिस की भूमिका संदिग्ध
दिनांक 28 अक्तूबर को हादसे में कार क्रमांक एमपी 10 जेडएम 8755 के परखच्चे उड़ गए थे। पूरी तरह से चकनाचूर कार को पुलिस ने क्रेन की मदद से थाना परिसर में खड़ा कराया, लेकिन इस दौरान पुलिस ने कार की तलाशी नहीं ली। सवाल यह है कि हादसे के 14 दिन तक पुलिस को पता ही नहीं चला कि गाड़ी में क्या रखा है और देवरी पुलिस ने कार को देखना भी उचित नहीं समझा। वहीं सूत्रों की माने तो कार में डोडा चूरा मिलने के बाद देवरी पुलिस ने मामले को दबाने की कोशिश की थी। लेकिन वरिष्ठ अधिकारियों के संज्ञान में मामला पहुंचा और फिर कार्रवाई की गई है