इंदौर
मंगलवार देर रात इंदौर के एमवाय अस्पताल में एक बच्चे के परिजनों और डॉक्टरों के बीच गंभीर विवाद हो गया, जिसमें 3 डॉक्टर और 2 सुरक्षा गार्ड घायल हो गए। यह घटना शिशु वार्ड में भर्ती एक बच्चे के इलाज के दौरान हुई, जहां बच्चे के परिजन दीपक और प्रदीप सोलंकी ने डॉक्टरों से बच्चे की तबीयत को लेकर सवाल किए। इस दौरान माहौल इतना गर्म हो गया कि बात हाथापाई तक पहुंच गई।
डॉ. श्वेतांक सोनी शिशु रोग विभाग में कार्यरत हैं। उन्होंने बताया कि वे चेस्ट वार्ड में बैठे थे, तभी रात करीब 12 बजे दीपक और प्रदीप सोलंकी उनसे मिलने पहुंचे और बच्चे की सेहत के बारे में बातचीत करने लगे। डॉक्टरों के अनुसार, परिजन लगातार नाराजगी जाहिर कर रहे थे और अस्पताल प्रशासन पर लापरवाही का आरोप लगाने लगे। डॉक्टरों ने उन्हें समझाने की कोशिश की लेकिन परिजन मानने को तैयार नहीं थे। स्थिति बिगड़ती देख डॉक्टरों ने अस्पताल के सुरक्षा गार्ड को बुलाया, लेकिन परिजन गार्ड से भी उलझ पड़े। स्थिति और अधिक बिगड़ गई जब दीपक और प्रदीप के कुछ अन्य साथी भी वहां आ पहुंचे और उन्होंने डॉक्टरों के चैंबर में रखे डॉक्यूमेंट्स को बिखेर दिया। इस बीच, बच्चे के परिजनों के साथ आई महिलाओं ने भी लेडी गार्ड के साथ दुर्व्यवहार किया और मारपीट की। जब डॉक्टरों ने इस पर आपत्ति जताई, तो परिजनों ने उनके साथ भी मारपीट शुरू कर दी। घटना के दौरान अन्य डॉक्टर मौके पर पहुंचे और उन्होंने मामले को शांत करने की कोशिश की, लेकिन उन्हें भी हमले का शिकार होना पड़ा।
जूनियर डॉक्टरों ने किया प्रदर्शन
घटना की जानकारी मिलते ही अस्पताल में हंगामा मच गया। वहां मौजूद अन्य जूनियर डॉक्टर भी एकत्र हो गए और उन्होंने अपने साथियों के समर्थन में प्रदर्शन करना शुरू कर दिया। इस दौरान पुलिस को सूचना दी गई, जिसके बाद एमवाय चौकी और संयोगितागंज पुलिस मौके पर पहुंची। संयोगितागंज पुलिस थाना प्रभारी (टीआई) सतीश पटेल ने बताया कि अस्पताल में डॉक्टरों और गार्ड के साथ मारपीट की घटना की सूचना मिलते ही वे फोर्स के साथ मौके पर पहुंचे और स्थिति को नियंत्रित करने के लिए अतिरिक्त पुलिस बल तैनात किया गया। डॉक्टरों ने परिजनों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने की मांग की, जिस पर पुलिस अधिकारियों ने सुबह 4 बजे एफआईआर दर्ज की।
मारपीट का मामला दर्ज हुआ
पुलिस ने डॉ. श्वेतांक सोनी की शिकायत पर दीपक सोलंकी और प्रदीप सोलंकी समेत उनके साथियों के खिलाफ मारपीट का मामला दर्ज किया है। पुलिस ने दो आरोपियों को हिरासत में लिया है और अन्य आरोपियों की तलाश जारी है। घटना के बाद, डॉक्टरों ने हंगामे के विरोध में कुछ समय के लिए काम बंद कर दिया था, लेकिन एफआईआर दर्ज होने के बाद वे अपनी ड्यूटी पर लौट आए। अस्पताल में सुरक्षा की स्थिति को देखते हुए पुलिस अधिकारियों ने सुबह तक अस्पताल में ही डेरा जमाए रखा और वहां का माहौल शांत किया।