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मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान द्वारा 19 अप्रैल को वीसी के माध्यम से दिए गए दिशा-निर्देशों पर की गई कार्यवाही की डीजीपी ने की समीक्षा

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पेसा एक्ट के क्रियान्वयन में सकारात्मक भूमिका निभाएं : डीजीपी सक्सेना
मुख्यमंत्री की मंशानुसार अपराधियों तथा माफियाओं को नेस्तनाबूद करने के लिए कठोर कदम उठाने के दिए निर्देश

भोपाल

मध्यप्रदेश के मुख्‍यमंत्री शिवराज सिंह चौहान द्वारा प्रदेश में कानून-व्‍यवस्‍था के सुदृढ़ीकरण तथा विभिन्‍न माफियाओं को नेस्‍तनाबूद करने के दिशा-निर्देश 19 अप्रैल को वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्‍यम से प्रदेश के सभी जोनल एडीजी/आईजी/एसपी को दिए गए थे। इन दिशा-निर्देशों के अनुक्रम में की जा रही कार्यवाही की विस्‍तृत समीक्षा आज गुरूवार 27 अप्रैल को पुलिस मुख्‍यालय से पुलिस महानिदेशक सुधीर कुमार सक्‍सेना ने वीडियों कांफ्रेंस के माध्‍यम से की। इस वीडियों कांफ्रेंसिंग में सभी जोनल एडीजी/आईजी, इंदौर और भोपाल के कमिश्नर तथा सभी जिलों के एसपी/डीसीपी उपस्थित थे।

माफिया को नेस्तनाबूद करने के लिए प्रभावी कदम उठाएं :- डीजीपी

डीजीपी सक्‍सेना ने निर्देश दिए कि माननीय मुख्‍यमंत्री जी की मंशानुसार अपराधियों तथा विभिन्‍न माफियाओं जैसे अवैध खनन, अवैध शराब, जुआ-सट्टा, चिटफंड माफिया, भू-माफिया, मिलावट माफिया को नेस्‍तनाबूद करने के लिए कठोर प्रभावशाली कदम उठाएं। मुख्‍यमंत्री जी के निर्देशानुसार त्‍वरित और प्रभावी कार्यवाही सुनिश्चित करें। इन समाज विरोधी तत्‍वों पर वैधानिक कार्यवाही सतत् चलने वाली प्रक्रिया है अत: कार्यवाही इतनी सटीक और प्रभावशाली हो कि नजीर बन जाए। उन्होंने बैठक में कहा कि सभी अधिकारी यह सुनिश्चित करें कि लोग अहाते बंद होने के बाद खुले में शराब न पीएं साथ ही निर्धारित स्थल के अलावा कहीं भी शराब विक्रय होने पर सख्त कार्रवाई करें।

उज्जैन पुलिस की तर्ज पर कार्रवाई करें :-

उन्‍होंने निर्देश दिए कि मुख्‍यमंत्री जी द्वारा नशे के तस्‍करों को समूल नष्‍ट करने के निर्देश के अनुक्रम में जिस तरह उज्जैन पुलिस ने पीआईटी-एनडीपीएस एक्‍ट के अंतर्गत ड्रग्स माफिया पर सख्ती दिखाते हुए 11 तस्करों को जेल में निरूद्ध किया था, उसी तरह प्रदेश के प्रत्येक जिले में पुलिस ऐसे मामलों को गंभीरता से ले और उचित कार्यवाही करें। उन्होंने निर्देश दिए कि मदरसों पर भी कड़ी निगाह रखी जाए और इस बात का ध्यान रखा जाए कि कहीं कोई राष्ट्रविरोधी आतंकवादी तत्व तो नहीं पनप रहे।

बैठक में उन्होंने पेसा एक्ट के अंतर्गत प्रत्येक गांव में शांति एवं विवाद निवारण समिति की स्थापना सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। उन्होंने निर्देश दिए कि इस बात का विशेष ध्यान रखा जाए कि प्रत्येक जिले के शत-प्रतिशत गांवों में समितियों की स्थापना हो जाए। उन्होंने कहा कि थानों में दर्ज सभी एफआईआर की जानकारी समितियों को दी जाए। साथ ही यह भी सुनिश्चित करें कि सभी समितियां प्रदेश के जिलों के विभिन्न ग्रामों में भ्रमण कर जनता को पेसा एक्ट के प्रति जागरूक करें।

महिलाओं के विरूद्ध अपराधों के प्रति जीरो टॉलरेंस की नीति अपनाएं :

डीजीपी सक्सेना ने कहा कि मुख्यमंत्री चौहान की मंशानुसार मप्र में महिलाओं के विरूद्ध अपराधों के प्रति जीरो टॉलरेंस की नीति अपनाई जा रही है। उन्होंने बेटियों-बहनों को बहला-फुसलाने या धर्मांतरण करवाने वालों पर कड़ी निगाह रखने और ऐसे तत्वों पर कड़ी कार्रवाई किए जाने के निर्देश दिए। उन्होंने नशे का अवैध कारोबार करने वालों पर उनकी आय को स्रोतों को नष्ट करने और समाज को नशे से मुक्त करने के लिए स्कूलों, कॉलेजों, बस्तियों, कॉलोनियों तथा अन्य स्थानों पर जनता को जागरूक करें। उन्होंने नशे से पीड़ित लोगों को मुख्यधारा में वापस जोड़ने के भी निर्देश दिए।

बैठक में उन्होंने पीएफआई तथा अन्य अतिवादी संगठनों पर विशेष ध्यान देने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि यह काम सिर्फ एटीएस का नहीं है, सभी जिलों में पुलिस अधीक्षक भी इन आपराधिक तत्वों पर निगाह बनाएं रखें।

अपराधों की समीक्षा कर दिए आवश्यक निर्देश

डीजीपी सक्सेना ने अपराधों की कमी और वृद्धि की जोनवार समीक्षा कर जोनल आईजी को निर्देशित किया कि प्रतिमाह अपने जोन में घटित अपराधों की समीक्षा करें। कहीं कोई वृद्धि परिलक्षित होती है तो उसके नियंत्रण हेतु समुचित कदम उठाएं। बैठक के दौरान डीजीपी सक्सेना ने अपराधों पर अंकुश लगाने के लिए प्रतिदिन शाम 6 से 9 बजे तक पैदल गश्त किए जाने के निर्देश दिए। वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में डीजीपी सक्सेना ने पुलिसकर्मियों के बच्चों के लिए करियर काउंसलिंग तथा समर कैंप आयोजित किए जाने के भी निर्देश दिए।