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आनंद मोहन तो बलि के बकरे बने, असली मंशा तो गुंडाराज वाले 27 लोगों को रिहा कराना, नीतीश सरकार पर भड़की बीजेपी

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 पटना

पूर्व सांसद और बाहुबली नेता आनंद मोहन आज सुबह सहरसा की जेल से रिहा हो गई। लेकिन उनकी रिहाई पर बिहार की सियासत में उबाल आ गया है। बिहार बीजेपी ने एक बार फिर से नीतीश सरकार को घेरा है। नेता प्रतिपक्ष विजय सिन्हा ने नीतीश सरकार को घेरते हुए कहा कि आनंद मोहन तो सिर्फ बलि के बकरे बने हैं। नीतीश सरकार का असली मकसद तो गुंडाराज का माहौल बनाने वाले 27 लोगों को रिहा कराना था। आनंद मोहन की आड़ में कारा नियमों को बदलते हुए उन 27 लोगों को भी रिहा कराया गया जो बिहार में जंगलराज से गुंडाराज लाने का काम करेंगे। लेकिन बिहार की जनता सब देख रही है। नीतीश सरकार गैर संवैधानिक काम कर रही है। अपराधियों को पकड़ना और छोड़ना तो न्यायालय का काम है।

आनंद मोहन को बलि का बकरा बनाया गया
नेता प्रतिपक्ष विजय सिन्हा ने कहा कि इतनी हड़बड़ी में आनंद मोहन की रिहाई कहीं न कहीं नीतीश सरका की नाकामी है। अगर आनंद मोहन की रिहाई होनी थी तो नियम कानून से होनी चाहिए थी। उन्होने कहा कि आनंद मोहन की आड़ में 27 लोगों को छोड़ना ये सरकार की असली मंशा है। आंनद मोहन तो सिर्फ बलि के बकरा बन रहे हैं। उनकी आड़ में बिहार में जंगलराज की वापसी हो रही है। जंगलराज के पुरोधाओं को बाहर निकालना बिहार में जंगलराज से गुंडाराज लाने की कवायद है। बिहार सरकार का उन्माद फैलाने का खेल नहीं चलेगा। बिहार की जनता सब देख रही है।
 
सुबह तड़के हुई आनंद मोहन की रिहाई
आपको बता दें आज ही तड़के सहरसा की जेल से आनंद मोहन की रिहाई हुई। इस दौरान वो शांति से जेल से रवाना हो गए। इस दौरान न तो समर्थकों की भीड़ दिखी, न ही किसी तरह का रोड शो। पैरोल खत्म होने के बाद पूर्व सासंद आनंद मोहन बुधवार को ही मंडल कारा सहरसा पहुंच गए थे। आनंद मोहन की रिहाई को लेकर समर्थकों में काफी उत्साह देखा जा रहा है। पूरे शहर में स्वागत को लेकर पोस्टर बैनर लगे हुए हैं। दोपहर बाद रोड शो और पंचगछिया में कार्यक्रम का आयोजन है।  जानकारी के अनुसार जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह के भी सहरसा आने की संभावना है। जेल अधीक्षक अमित कुमार ने बताया कि पूर्व सासंद आनंद मोहन की रिहाई सुबह छह बजकर 15 मिनट पर हुई है।