नई दिल्ली
गौतम अडानी के भाई विनोद अडानी ने ऑस्ट्रेलिया की कोयला खदान से जुड़ी तीन कंपनियों कारमाइकल रेल एंड पोर्ट सिंगापुर, कारमाइकल रेल सिंगापुर और एबॉट प्वाइंट टर्मिनल एक्सपैंशन से इस्तीफा दे दिया है। अडानी ग्रुप ने इस्तीफों के बारे में एक सवाल का जवाब नहीं दिया। विनोद ने ईमेल से पूछे गए सवालों का जवाब नहीं दिया। ये इस्तीफे सुप्रीम कोर्ट द्वारा अडानी समूह की देखरेख करने में नियामकों के विफल होने की जांच के लिए एक समिति को आदेश देने के कुछ ही दिन पहले हुए थे।
बता दें फरवरी के अंत में जैसे-जैसे अडानी ग्रुप पर सवाल उठते गए और ग्रुप की कंपनियों के शेयर लुढ़कते गए। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक गौतम अडानी के बड़े भाई विनोद अडानी ने ऑस्ट्रेलिया में कोयला खदान से जुड़ी तीन कंपनियों, कारमाइकल रेल एंड पोर्ट सिंगापुर, कारमाइकल रेल सिंगापुर और एबॉट प्वाइंट टर्मिनल एक्सपैंशन के निदेशक का पद छोड़ दिया। इन कंपनियों पर उन्होंने अरबों डॉलर का दांव लगाया है। हालांकि, वह सिंगापुर स्थित एबॉट पॉइंट पोर्ट होल्डिंग्स के बोर्ड में बने हुए हैं।
इस बीच, सेबी इस बात की जांच कर रहा है कि क्या अडानी ग्रुप और विनोद के बीच हुए कुछ लेन-देन का ठीक से खुलासा किया गया था। अडानी ग्रुप के एक प्रतिनिधि ने कहा कि कुछ संस्थाओं के शेयरधारक होने के अलावा विनोद की कारमाइकल खदान या इससे संबंधित बुनियादी ढांचे के विकास में कोई प्रबंधन भूमिका नहीं थी।
हिंडनबर्ग की 24 जनवरी की रिपोर्ट में कहा गया है कि अडानी ग्रुप की कंपनियों के शेयर भाव बढ़ाने के लिए विनोद अडानी द्वारा चलाई जा रहीं दर्जनों शेल कंपनियों ने अडानी समूह की कंपनियों में अरबों डॉलर का लेन-देन किया था। अडानी ग्रुप ने स्वीकार किया कि विनोद प्रवर्तक समूह का हिस्सा हैं। अडानी ने भाई के व्यावसायिक मामलों के बारे में सवालों को यह कहते हुए कि खारिज कर दिया कि वे अप्रासंगिक हैं । क्योंकि वह समूह की सार्वजनिक कंपनियों या उनकी सहायक कंपनियों में प्रबंधक नहीं हैं।
ब्लूमबर्ग ने बताया कि उनके पास अडानी ग्लोबल के दुबई कार्यालय में एक केबिन है, जहां रोजाना दो या तीन घंटे बिताते हैं। कुछ समय पहले तक कुछ लोगों ने गौतम के 74 वर्षीय भाई के बारे में सुना था। ऐसा माना जाता है कि उन्होंने जिंसों का व्यापार करके बहुत पैसा कमाया है ।