Home मध्यप्रदेश जनजातीय विद्यार्थियों की विशिष्ट शिक्षण संस्थाओं में डिजीटल बोर्ड लगाये जायेंगे

जनजातीय विद्यार्थियों की विशिष्ट शिक्षण संस्थाओं में डिजीटल बोर्ड लगाये जायेंगे

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भोपाल

जनजातीय कार्य विभाग के अधीन विशिष्ट श्रेणी की शिक्षण संस्थाओं की कक्षाओं में डिजीटल बोर्ड लगाये जायेंगे। इसके लिये विभाग द्वारा तेजी से कार्यवाही की जा रही है। जनजातीय कार्य, लोक परिसम्पत्ति प्रबंधन तथा भोपाल गैस त्रासदी राहत एवं पुनर्वास मंत्री डॉ. कुंवर विजय शाह ने यह जानकारी देते हुए बताया कि डिजीटल बोर्ड लगाने के लिये विभाग द्वारा ठोस कार्यवाही प्रारंभ कर दी गई है। उन्होंने बताया कि विभाग के अधीन संचालित सभी एकलव्य आदर्श आवासीय विद्यालयों (ईएमआरएस) में डिजीटल बोर्ड लगाने के लिये 'केपिटल मद' से बोर्ड क्रय एवं स्थापन की कार्यवाही की जा रही है। इसी प्रकार सभी विभागीय कन्या शिक्षा परिसरों एवं आदर्श आवासीय विद्यालयों में भी डिजीटल बोर्ड लगाये जायेंगे। इसके लिये 'आकस्मिक मद' से धनराशि का प्रावधान बढ़ाने का प्रस्ताव राज्य शासन को प्रेषित किया गया है।

सभी जनजातीय विकासखंडों में ई-लाइब्रेरी प्रारंभ की भी तैयारी

जनजातीय कार्य मंत्री डॉ. शाह ने बताया कि प्रदेश के सभी 89 जनजातीय विकासखंड़ मुख्यालयों में ई-लाइब्रेरी भी प्रारंभ की जायेंगी। इसके लिये ई-लाइब्रेरी की क्रियान्वयन रूपरेखा एवं उपकरण स्थापना के लिये आवश्यकतानुसार धनराशि का मांग प्रस्ताव भी तैयार कर लिया गया है। राज्य शासन से प्रस्ताव अनुमति एवं बजट आवंटन प्राप्त करने की कार्यवाही की जा रही है।

पीवीटीजी छात्रावास भवन भी बनाये जायेंगे

जनजातीय कार्य मंत्री डॉ. शाह ने बताया कि प्रदेश में बैगा, भारिया, सहरिया तीन विशेष रूप से कमजोर एवं पिछड़ी जनजातियां (पीवीटीजी) निवास करती हैं। इन जनजातियों के विद्यार्थियों को संभागीय मुख्यालय में रहकर पढ़ने की सुविधा प्रदान करने के लिये विभाग द्वारा पीवीटीजी छात्रावास भवन बनाने की कार्यवाही भी की जा रही है। उन्होंने बताया कि प्रथमत: जबलपुर एवं ग्वालियर में यह पीवीटीजी छात्रावास भवन बनाये जायेंगे। इसके बाद ऐसा ही एक पीवीटीजी छात्रावास भवन शहडोल संभागीय मुख्यालय में भी बनाने पर विचार किया जा रहा है।