नालंदा.
नालंदा जिले के करायपरसुराय थानाक्षेत्र के मखदुमपुर गांव में एक श्राद्ध समारोह के दौरान हुई हर्ष फायरिंग में 18 वर्षीय युवक की दर्दनाक मौत हो गई। शनिवार-रविवार की रात स्थानीय हरेंद्र यादव की माता के श्राद्ध कर्म के मौके पर आयोजित नृत्य कार्यक्रम के दौरान हुई इस घटना ने पूरे इलाके को शोक में डुबो दिया है। नृत्य प्रस्तुति के दौरान की गई अनियंत्रित हर्ष फायरिंग के कारण यह हादसा हुआ।
जानकारी के मुताबिक, मृतक की पहचान चिकसौरा थानाक्षेत्र के भवानी विगहा गांव निवासी प्रमोद यादव के बेटे आशीर्वाद यादव के रूप में की गई है। आशीर्वाद नृत्य कार्यक्रम देखने के लिए अपने गांव से करीब दो किलोमीटर दूर मखदुमपुर गांव आया था। स्थानीय लोगों के अनुसार, नृत्य प्रदर्शन के दौरान कुछ लोगों ने हर्ष फायरिंग शुरू कर दी, जिसमें आशीर्वाद को कनपटी में गोली लग गई। गोली उसकी कनपटी से होते हुए गले को पार कर गई, जिसके चलते मौके पर ही उसकी मौत हो गई।
बिना अनुमति के आयोजित किया गया था कार्यक्रम
घटना की सूचना मिलते ही करायपरसुराय थानाध्यक्ष अमित कुमार ने मौके पर पहुंचकर जांच-पड़ताल की। थानाध्यक्ष ने बताया कि इस कार्यक्रम के आयोजन के लिए किसी भी प्रकार की पूर्व सूचना या अनुमति नहीं ली गई थी। पुलिस ने मृतक के शव को पोस्टमार्टम के लिए बिहारशरीफ सदर अस्पताल भेजा है। वहीं, घटना के बाद से आयोजक हरेंद्र यादव और उसके परिवार के सदस्य घर छोड़कर फरार हो गए हैं। पुलिस ने घटनास्थल से दो खोखे भी बरामद किए हैं, जिन्हें जांच के लिए फॉरेंसिक लैब भेजा गया है। हिलसा डीएसपी सुमीत कुमार ने बताया कि रविवार सुबह करायपरसुराय पीएचसी से घटना की सूचना मिली, जिसके बाद पुलिस ने फौरन कार्रवाई करते हुए मृतक के परिजनों से बयान दर्ज कर प्राथमिकी दर्ज की। पुलिस ने बताया कि घटना के बाद गांव में स्थिति सामान्य है, लेकिन आरोपियों की तलाश के लिए छापामारी की जा रही है।
‘जानबूझकर मारी गई गोली’
वहीं, मृतक के भाई संतोष कुमार ने आरोप लगाया कि कार्यक्रम के दौरान लगभग 50 राउंड से अधिक फायरिंग की गई थी और आशीर्वाद को जानबूझकर निशाना बनाया गया। हालांकि परिवार ने किसी पुरानी दुश्मनी से इनकार किया है, लेकिन यह दुखद घटना उनके लिए असहनीय है। परिवार का कहना है कि आशीर्वाद तो सिर्फ नृत्य देखने गया था, लेकिन वहां हर्ष फायरिंग ने उसकी जान ले ली।
दोषियों के खिलाफ की जाएगी सख्त कार्रवाई
पुलिस ने इस घटना को गंभीरता से लेते हुए अपराधियों की पहचान कर गिरफ्तारी के प्रयास तेज कर दिए हैं। थानाध्यक्ष अमित कुमार का कहना है कि आरोपियों को जल्द ही गिरफ्तार किया जाएगा और इस मामले में दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। वहीं, स्थानीय लोगों का कहना है कि ऐसे कार्यक्रमों में फायरिंग पर कड़ी रोक लगाने की आवश्यकता है, ताकि भविष्य में इस प्रकार की घटनाओं से बचा जा सके।
अनाधिकृत फायरिंग का खतरनाक प्रचलन
यह घटना सांस्कृतिक और धार्मिक आयोजनों में अनाधिकृत फायरिंग के खतरनाक परिणामों की ओर इशारा करती है। ऐसी फायरिंग न केवल कानून का उल्लंघन है, बल्कि अनमोल जीवन की हानि का भी कारण बन रही है। नालंदा में हुए इस हादसे ने लोगों को गहरे सदमे में डाल दिया है, और यह सवाल खड़ा कर दिया है कि आखिर ऐसे आयोजनों में हथियारों का अनाधिकृत इस्तेमाल कब तक चलता रहेगा?