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केंटकी : अस्पताल में ब्रेन डेड घोषित व्यक्ति की दिल निकालने से पहले ही शरीर में जान आ गई

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केंटकी
 अमेरिका के एक हॉस्पिटल में चौंकाने वाली घटना घटी है। ब्रेन डेड घोषित किए गए व्यक्ति का दिल निकाला जाना था। डॉक्टर इसकी तैयारी कर रहे थे तभी दिमागी रूप से मृत मरीज के शरीर में जान आ गई। डॉक्टर उसके दिल को निकालकर दूसरे मरीज के शरीर में लगाने वाले थे। घटना केंटकी के बैपटिस्ट हेल्थ रिचमंड हॉस्पिटल की है। मरीज का नाम थॉमस 'टीजे' हूवर द्वितीय है। उम्र 36 साल है।

थॉमस को 2021 में अस्पताल में ड्रग ओवरडोज के चलते भर्ती कराया गया था। बाद में उसे ब्रेन डेड घोषित कर दिया गया। बता दें कि ब्रेन डेड का मतलब मरीज की ऐसी स्थिति से है जब उसका दिमाग मर जाता है। ब्रेन को काफी नुकसान पहुंचता है और उसका ठीक होना लगभग असंभव होता है। ऐसी स्थिति में भी मृत व्यक्ति में जीवन के लक्षण दिखाई दे सकते हैं। उसकी त्वचा गर्म रहती है, दिल धड़कता है और वेंटिलेशन के साथ छाती ऊपर-नीचे होती है। अंग दान के लिए दिल ऐसे ही मरीज का लिया जाता है। पूरी तरह मरने के बाद दिल निकालकर किसी और के शरीर में नहीं लगाया जा सकता।

इधर-उधर हाथ-पैर मार रहा था मरीज

केंटकी ऑर्गन डोनर एफिलिएट्स (KODA) के पूर्व कर्मचारी निकोलेटा मार्टिन ने कहा, "वह मरीज मेज पर इधर-उधर हाथ-पैर मार रहा था। यह हर किसी का सबसे बुरा सपना होता है। सर्जरी के दौरान जिंदा रहना और यह जानना कि कोई आपको चीरकर आपके शरीर के अंग निकाल लेगा। यह भयानक है।"

KODA की एक अन्य कार्यकर्ता नताशा मिलर ने बताया कि थॉमस को ICU से ऑपरेटिंग रूम में ले जाते समय भी उसमें जीवन के लक्षण दिखाई दे रहे थे। वह इधर-उधर घूम रहा था। कुछ हद तक लड़खड़ा रहा था। जब हम वहां गए तो उसकी आंखों से आंसू बह रहे थे। वह रो रहा था। थॉमस अब अपनी बहन डोना रोहरर के साथ रह रहा है। उसे याददाश्त, चलने और बात करने में कठिनाई का सामना करना पड़ा है।