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देश में 10 लाख रुपए से कम कीमत वाली कारों की बिक्री में कमी आई

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मुंबई

मारुति सुजुकी के चेयरमैन आरसी भार्गव ने बताया कि 10 लाख रुपए से कम कीमत वाली कारों की बिक्री में कमी आई है। इसे उन्‍होंने चिंता का विषय बताया है। एक समय कुल बिक्री में इन कारों की हिस्सेदारी 80% होती थी। हालांकि, अब यह लगातार घट रही है। उन्होंने कहा कि इसका कारण लोगों के पास खर्च योग्य आय का कम होना है। भार्गव ने कहा कि इसका लगातार घटना दिखाता है कि लोगों के पास डिस्‍पोजेबल इनकम कम है। उन्होंने ये बात कंपनी के तिमाही नतीजों पर कॉन्फ्रेंस के दौरान कही।

भार्गव ने कहा कि कुल मिलाकर इस सेगमेंट में बिक्री में कमी के चलते ऑटोमोबाइल मार्केट में समग्र ग्रोथ नहीं हो रही है। बाजार में इस स्तर में ग्रोथ को वापस लेने के लिए लोगों के पास अधिक खर्च योग्य आय की जरूरत है। हालांकि, कंपनी को उम्मीद है कि त्योहारों के दौरान कुल खुदरा बिक्री में 14% की ग्रोथ होगी।

सोसायटी ऑफ इंडियन ऑटोमोबाइल मैन्‍यूफैक्चरर्स (SIAM) के आंकड़ों के अनुसार बाजार में 10 लाख रुपए कम कीमत वाले कारों की हिस्सेदारी 2018-19 में 80% थी। उस दौरान यात्री वाहनों की थोक बिक्री भारत में 33,77,436 इकाई थी। 10 लाख रुपए से कम के यात्री वाहनों की हिस्सेदारी अब बाजार में 50% से भी कम है। वित्त वर्ष 2023-24 में देश में यात्री वाहनों की थोक बिक्री 42,18,746 इकाइयों की रिकॉर्ड ऊंचाई पर पहुंच गई थी।

भार्गव ने कहा कि इस सेगमेंट का बाजार फिलहाल नहीं बढ़ रहा है। यह चिंता का कारण है। सच यह है कि ग्रोथ केवल महंगी कारों में हो रही है। मुझे लगता है कि इससे मुझे बहुत ज्यादा खुशी नहीं मिलती। उनसे यह पूछा गया था कि क्या घरेलू यात्री वाहन बाजार में नरमी चिंता का कारण है। मारुति सुजुकी इंडिया परंपरागत रूप से छोटी और कॉम्पैक्ट कार बाजार में अगुवा रही है। अब 10 लाख रुपए से कम कीमत वाले वाहन सेगमेंट में बिक्री नहीं बढ़ रही है।

कार बिक्री में गिरावट पप उन्होंने कहा कि इसका कारण ‘किफायत’ का मामला है। खर्च योग्य आय कम होने के कारण लोग खरीद नहीं पा रहे हैं। यह पूछे जाने पर कि क्या इस क्षेत्र में बिक्री को बढ़ावा देने के लिए सरकार से कुछ प्रोत्साहन की आवश्यकता है, उन्होंने कहा, ‘मुझे नहीं पता कि क्या आवश्यक है, लेकिन हमें ऐसे लोगों की जरूरत है जिनके पास अधिक खर्च योग्य आय हो। त्योहारों के दौरान बिक्री के बारे में कहा कि यह ‘काफी अच्छी’ रही है।