पांच दिन का त्योहार दिवाली पंचदिवसीय दीपावली पर्व भी कहा जाता है. इसकी शुरुआत धनतेरस से होती है. दूसरे दिन नरक चतुर्दशी, तीसरे दिन अमावस्या पर दीपों का पर्व दिवाली, चौथे दिन गोवर्धन पूजा और आखिरी दिन भाई दूज का त्योहार मनाया जाता है.
इन पांच दिनों में गणपति जी, मां लक्ष्मी, भगवान धनवंतरि, यमराज, श्रीराम, श्रीकृष्ण, कुबेर देव और गाय की पूजा की जाती है. आइए जानते हैं इस साल 2024 में दिवाली के पांच दिन कब-कब मनाए जाएंगे.
दिवाली 2024 कैलेंडर
29 अक्टूबर 2024 – धनतेरस
कार्तिक कृष्ण त्रयोदशी तिथि शुरू | 29 अक्टूबर 2024, सुबह 10.31 |
कार्तिक कृष्ण त्रयोदशी तिथि समाप्त | 30 अक्टूबर 2024, दोपहर 01.15 |
पूजा मुहूर्त | शाम 06.31 – रात 08.13 |
यम दीपम सायान्ह सन्ध्या | शाम 05:38 – शाम 06:55 |
महत्व – धनतेरस पर मान्यता है कि भगवान धन्वंतरि अमृत कलश लेकर प्रकट हुए थे. इसलिए इस दिन बर्तन, सोना, चांदी, वाहन, संपत्ति, धातु और आभूषण आदि खरीदने की परंपरा है. धनतरेस पर एक दीपक मृत्यु के देवता यमराज के लिए घर के बाहर जलाया जाता है. दीपदान से यमदेव प्रसन्न होते है और परिवार के सदस्यों की अकाल मृत्यु से सुरक्षा करते है.
31 अक्टूबर 2024- नरक चतुर्दशी
कार्तिक कृष्ण चतुर्दशी तिथि शुरू | 30 अक्टूबर 2024, दोपहर 01.15 |
कार्तिक कृष्ण चतुर्दशी तिथि समाप्त | 31 अक्टूबर 2024, दोपहर 03.52 |
अभ्यंग स्नान मुहूर्त | सुबह 05.20 – सुबह 06.32 |
महत्व – नरक चतुर्दशी पर सूर्योदय से पहले उबटन और स्नान करने से समस्त पापों से मुक्ति मिलती है और पुण्य की प्राप्ति होती है. इस दिन भगवान श्रीकृष्ण ने नरकासुर का वध का 16 हजार कन्याओं को उसके चुंगल से मुक्ति कराया था.
1 नवंबर 2024 – दिवाली
कार्तिक अमावस्या तिथि शुरू | 31 अक्टूबर 2024, दोपहर 03.52 |
कार्तिक अमावस्या तिथि समाप्त | 1 नवंबर 2024, शाम 06.16 |
लक्ष्मी पूजा मुहूर्त | शाम 05.36 – शाम 06.16 |
महत्व – दिवाली पर भगवान राम, माता सीता और लक्ष्मण 14 वर्ष का वनवास समाप्त कर अयोध्या लौटे थे. भगवान राम के स्वागत के लिए अयोध्यावासियों ने पूरी अयोध्या को दीपों से प्रज्जवलित किया था. इस दिन मां लक्ष्मी का पूजन करने से घर में धन की कमी नहीं होती.
2 नवंबर 2024 – गोवर्धन पूजा
कार्तिक शुक्ल प्रतिपदा तिथि शुरू | 1 नवंबर 2024, शाम 06.16 |
कार्तिक शुक्ल प्रतिपदा तिथि समाप्त | 2 नवंबर 2024, रात 08.21 |
गोवर्धन पूजा मुहूर्त | सुबह 06.34 – सुबह 08.46 |
महत्व – त्रेतायुग में श्रीकृष्ण ने अपनी छोटी अंगुली पर गोवर्धन पर्वत उठाकर गांववासियों को गोवर्धन की छांव में सुरक्षित किया था. इसलिए सुख, समृद्धि की कामना से इस दिन गोबर से गोवर्धन बनाकर पूजा की जाती है.
3 नवंबर 2024 – भाई दूज
कार्तिक शुक्ल द्वितीया तिथि शुरू | 2 नवंबर 2024, रात 08.21 |
कार्तिक शुक्ल द्वितीया तिथि समाप्त | 3 नवंबर 2024, रात 10.05 |
भाई दूज पूजा मुहूर्त | दोपहर 01.10 – दोपहर 03.22 |
महत्व – भैय्या दूज पर जो बहनें अपने भाइयों को टीका कर भोजन कराती हैं उनके भाई को लंबी उम्र का वरदान मिलता है.जीवन खुशहाल रहता है. इसी दिन यमराज भी अपनी बहन यमुना से मिलने उनके घर गए थे.