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मालदीव की अर्थव्यवस्था बुरे दौर में, कर्जों को वापस करना एक बड़ी चुनौती

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माले
 भारत के पड़ोसी मालदीव के आर्थिक हालात लगातार बिगड़ते जा रहे हैं। इसे देखते हुए मालदीव के राष्ट्रपति ने आर्थिक सुधारों के प्रयासों के हिस्से के रूप में लागत में कटौती की घोषणा की है।  राष्ट्रपति के कार्यालय ने घोषणा की कि मोहम्मद मुइज्जू अपनी सैलरी में 50 फीसदी नहीं लेंगे। कर्ज के संकट से निपटने के लिए मालदीव में सरकारी कर्मचारियों की सैलरी में भी कटौती की जाएगी। बैंकों को छोड़कर सभी राजनीतिक नियुक्तियों और सरकारी कर्मचारियों के वेतन में 10 फीसदी कटौती होगी।

माइक्रोब्लॉगिंग साइट एक्स पर उन्होंने लिखा, 'जब 2025 का बजट पेश किया जाएगा तो आर्थिक सुधार एजेंडे के तहत सरकार खर्च को कम करने के लिए 2 साल की अवधि के लिए कई उपाय किए जाएंगे।' न्यूज एजेंसी एएफपी की रिपोर्ट के मुताबिक मुइज्जू की सैलरी अगले साल से 39,087 डॉलर (600,000 रुफिया) हो जाएगी। 2016 की जनगणना के मुताबिक मालदीव में औसत घरेलू आय प्रति वर्ष 316,740 रुफिया है।

इनकी सैलरी नहीं कटेगी

जज और सांसदों को कटौती से छूट मिलेगी। हालांकि मुइज्जू के ऑफिस ने उम्मीद जताई है कि वे स्वेच्छा से 10 फीसदी की कटौती पर सहमत होकर बोझ को साझा करेंगे। दो सप्ताह पहले मुइज्जू ने बोझ को कम करने के लिए मंत्रियों समेत 225 से ज्यादा राजनीतिक नियुक्तियों को बर्खास्त कर दिया था। बर्खास्त लोगों में सात राज्य मंत्री, 43 डिप्टी मंत्री और 178 राजनीतिक निदेशक शामिल थे। इस कदम से देश को हर महीने 370,000 डॉलर बचत की उम्मीद है।

मालदीव का विदेशी मुद्रा भंडार घट रहा

मुइज्जू की घोषणा लगातार घटते विदेशी मुद्रा भंडार से जुड़ी चिंताओं के बीच आई है। अपने लेटेस्ट अपडेट में वर्ल्ड बैंक ने कहा कि मालदीव का विदेश मुद्रा भंडार गंभीर रूप से निम्न स्तर तक गिर गया है। विदेशी कर्जों को लौटाने के कारण तरलता जोखिम बढ़ रहा है। विदेशी मुद्रा भंडार 2017 के बाद से अपने निचले स्तर पर पहुंच गया है। मालदीव के पास जितना रिजर्व है वह केवल एक महीने के आयात को कवर करने के लिए पर्याप्त है। देश का कर्ज 2024 की पहली तिमाही में 8.2 अरब डॉलर या जीडीपी का अनुमानित 115.7 फीसदी पहुंच गया।