लखनऊ
आठ से नौ दिन बाद भी आईसीयू मरीजों को कोरोना वायरस नहीं छोड़ रहा है। जबकि होम आईसोलेशन में मरीजों की रिपोर्ट छह से सात दिन में निगेटिव आ रही है। डॉक्टरों का कहना है कि आईसीयू में गंभीर बीमारियों से पीड़ित बुजुर्ग भर्ती हैं। इन्हें तमाम बीमारियां पहले से हैं। कोरोना ने भी जकड़ लिया है। रोग प्रतिरोधक क्षमता कम होने से समस्या गंभीर हो रही है।
लखनऊ में लगभग 900 सक्रिय कोरोना संक्रमित हैं। 26 मरीज केजीएमयू, पीजीआई और लोकबंधु में भर्ती हैं। इनमें छह से आठ मरीज आईसीयू-वेंटिलेटर पर हैं। केजीएमयू में बीती 13 अप्रैल को एक बुजुर्ग भर्ती हुए। मरीज वेंटीलेटर पर है। उनकी तीन बार कोरोना जांच कराई गई। अभी तक उनकी रिपोर्ट निगेटिव नहीं आई है। अधिकारियों का कहना है कि आईसीयू-वेंटिलेटर पर भर्ती मरीजों की कोरोना रिपोर्ट आठ से नौ दिन बाद भी पॉजिटिव आ रही है। डॉक्टरों का कहना है कि बुजुर्गों को वायरस आसानी से नहीं छोड़ रहा है। इसे लेकर डॉक्टर भी हैरान है।
डॉक्टरों का कहना है बुजुर्ग की रोग प्रतिरोधक क्षमता दूसरों के मुकाबले कम होती है। ऐसे में संक्रमण बुजुर्ग को और भी सता रहा है। डॉक्टरों का कहना है कि 99 प्रतिशत कोरोना संक्रमित होम आईसोलेशन में हैं। ज्यादातर संक्रमितों में कोविड के सामान्य लक्षण तक नहीं हैं। जबकि संक्रमण छह से सात दिन में ठीक हो रहे हैं।