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तेलंगाना की राज्यपाल का KCR सरकार पर तीखा हमला, कहा- मुख्यमंत्री से 2 साल से नहीं हुई मुलाकात

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मदुरै (तमिलनाडु)
तेलंगाना की राज्यपाल तमिलिसाई सुंदरराजन ने 24 अप्रैल को एक बार फिर मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव पर तीखा हमला किया। उन्होंने कहा कि राज्य में किसी भी प्रोटोकॉल का पालन नहीं किया जा रहा है और मुख्यमंत्री ने दो साल में एक बार भी उनसे मुलाकात नहीं की।

तेलंगाना के राज्यपाल का आरोप
 मदुरै हवाई अड्डे पर समाचार एजेंसी ANI से बात करते हुए तेलंगाना के राज्यपाल ने कहा, 'तेलंगाना में,किसी भी प्रोटोकॉल का पालन नहीं किया जाता है। मुख्यमंत्री काफी लंबे समय से मुझसे नहीं मिले हैं। संविधान कहता है कि प्रशासकों के साथ समय-समय पर चर्चा, मुख्यमंत्री के साथ राज्यपाल की चर्चा आवश्यक हैं, लेकिन तेलंगाना में ऐसा बिल्कुल नहीं होता है। दो साल से मैं मुख्यमंत्री से नहीं मिली हूं। हर कोई राज्यपालों पर सवाल उठा रहा है लेकिन कोई भी मुख्यमंत्रियों से सवाल नहीं कर रहा है। उन्होंने आगे कहा कि राज्यपाल और मुख्यमंत्री के बीच अच्छे संबंध होने चाहिए लेकिन तेलंगाना में इसकी पूरी तरह से कमी है।'

आधिकारिक दौरे से दूर रहते हैं मुख्यमंत्री
सुंदरराजन ने आरोप लगाया कि राज्य के मंत्री उनकी आधिकारिक यात्राओं से दूर रहते हैं। उन्होंने आगे कहा कि मैंने सभी विधेयकों पर काम किया। मैंने कई मौकों पर मुख्यमंत्री को आमंत्रित किया, लेकिन वह नहीं आए। चाहे त्योहार हों या गणतंत्र दिवस समारोह, आधिकारिक दौरे भी, कोई स्थानीय नेता नहीं आता, कोई विधायक या सांसद नहीं आता, और मुख्यमंत्री तक नहीं आते। एक राज्यपाल को एक राज्यपाल की तरह माना जाना चाहिए, यह एक मानक संचालन प्रक्रिया है।'
 
कारखाने में 12 घंटे काम करने पर क्या बोलीं राज्यपाल
कारखानों में 12 घंटे के काम की अनुमति देने वाले विधेयक को पारित करने के तमिलनाडु विधानसभा के फैसले पर प्रतिक्रिया देते हुए तेलंगाना के राज्यपाल ने कहा, 'मेरी राय राजनीतिक नहीं है, लेकिन रिसर्च में पाया गया है कि अगर हम वर्किंग का समय बढ़ाते है तो आराम करने का समय भी अपने आप बढ़ जाएगा। उन्होंने कहा कि मैं दूसरे राज्य द्वारा पारित प्रस्ताव पर कोई टिप्पणी नहीं करना चाहती।'

पिछले हफ्ते, तमिलनाडु विधानसभा ने कारखाना (संशोधन) अधिनियम 2023 पारित किया था, जिसमें कारखाने के श्रमिकों के लिए काम के घंटे को आठ से बढ़ाकर 12 घंटे कर दिया गया है। हालांकि, विपक्षी दलों ने इस विधेयक का काफी विरोध किया है।