पटना
भारतीय प्रशासनिक सेवा (IAS) अधिकारी संजीव हंस और पूर्व विधायक गुलाब यादव को प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने गिरफ्तार कर लिया है. जानकारी के मुताबिक मनी लॉन्ड्रिंग मामले में ED की टीम ने संजीव हंस को पटना स्थित उनके सरकारी आवास गिरफ्तार किया है तो वहीं, गुलाब यादव को दिल्ली के एक रिसॉर्ट से अरेस्ट किया गया है. बता दें कि हंस 1997 बैच के भारतीय प्रशासनिक सेवा (IAS) अधिकारी हैं.
ED के अनुसार संजीव हंस ने पंजाब के मोहाली और कसौली में करोड़ों की बेनामी संपत्ति खरीद रखी है. उन्हें ईडी ने करोड़ों की संपत्ति अर्जित करने के मामले में ही अरेस्ट किया है. संजीव हंस के साथ जिन गुलाब यादव की गिरफ्तारी हुई है, वह दिल्ली में उनके करीबी सहयोगी रहे हैं.
ईडी ने बिहार स्पेशल विजिलेंस यूनिट (SVU) के साथ जो जानकारी साझा की है, उसके मुताबिक 14 सितंबर को मामला दर्ज किया गया था. SVU अधिकारियों की एक टीम केंद्रीय जांच एजेंसियों की जानकारी की जांच कर रही है. न्यूज एजेंसी की रिपोर्ट के मुताबिक एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा,'एफआईआर में हंस, यादव और उनके परिवार के सदस्यों सहित करीब 14 लोगों को आरोपी बनाया गया है. SVU गहन पूछताछ के लिए उनकी हिरासत की भी मांग करने वाली है.' हंस को उनके खिलाफ ईडी की छापेमारी के बाद अगस्त में राज्य सरकार के सामान्य प्रशासन विभाग में स्थानांतरित कर दिया गया था.
नीतीश के पंसदीदा अफसर रहे हैं हंस
संजीव हंस को बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के पसंदीदा आईएएस अधिकारियों में गिना जाता है और उन्हें नीतीश सरकार में लंबे वक्त से महत्वपूर्ण पोस्टिंग मिलती रही है. हंस को बिजली कंपनी की पूरी कमान लंबे अरसे तक मिली रही. संजीव हंस बिहार कैडर के ऐसे पहले आईएएस अधिकारी हैं जिन्हें ईडी ने गिरफ्तार किया है.
शुक्रवार की देर शाम गिरफ्तारी के बाद ईडी ने संजीव हंस को विशेष कोर्ट में पेश किया. जहां से 29 अक्टूबर तक न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है. लगभग रात साढ़े 12 बजे उन्हें बेऊर जेल भेजा गया जबकि पूर्व विधायक गुलाब को ईडी आज शनिवार को दिल्ली से पटना लेकर आएगी. शुक्रवार दोपहर से ही इस बात की आशंका जताई जा रही थी ईडी संजीव हंस को गिरफ्तार कर सकती है. उनके पटना स्थित सरकारी आवास के अलावा एक अन्य ठिकाने पर छापेमारी चल रही थी. वहीं दिल्ली के तीन ठिकानों पर भी ईडी की टीम ने शुक्रवार को पूरे दिन छापेमारी की.
मनी लॉन्ड्रिंग के तहत हुआ एक्शन
आपको बता दें कि ईडी की पहल पर बिहार की विशेष निगरानी इकाई ने संजीव हंस और पूर्व विधायक गुलाब यादव के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति का मामला दर्ज किया हुआ है. विशेष निगरानी की कार्रवाई के आधार पर ईडी ने कुछ दिन पहले ही आईएएस संजीव हंस व पूर्व विधायक गुलाब यादव, संजीव हंस की पत्नी समेत अन्य आरोपियों के खिलाफ मनी लांड्रिंग का मामला दर्ज किया था.
भ्रष्टाचार से जुटाई करोड़ों की अकूत दौलत
आइए आपको बताते हैं कि आखिर ईडी ने अपनी जांच के बाद आईएएस और पूर्व विधायक को क्यों गिरफ्तार किया. दरअसल शुरुआती जांच में ईडी को संजीव हंस और गुलाब यादव के पास अकूत संपत्ति की जानकारी मिली थी. उनके खिलाफ कई आरोप सामने आए जिसमें करोड़ों रुपए की अवैध संपत्ति के साथ साथ हवाला के जरिए बड़ी रकम के लेन-देन और संपत्तियों का बेनामी निवेश की जानकारी मिली. इन दोनों के ठिकानों पर छापेमारी में ईडी को इतने सबूत मिले कि संजीव हंस और गुलाब यादव को गिरफ्तार किया जा सके.
संजीव हंस पर हवाला के जरिए एक महिला वकील को 2.44 करोड़ रुपए देने का आरोप है. महिला वकील को चल और अचल संपत्ति एक्स आर्मी मेन प्रोटेक्शन सर्विस से जुड़े राष्ट्रीय लोक जनशक्ति पार्टी से जुड़े एक नेता सुनील कुमार सिन्हा ने दी. इतना ही नहीं संजीव हंस ने महिला वकील को लखनऊ में 90 लाख रुपये का फ्लैट भी दिलवाया. ये वही महिला वकील है जिसने संजीव हंस के ऊपर पूर्व में यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया था. संजीव हंस और गुलाब यादव बिजनेस पार्टनर भी पाए गए. इन दोनों की पत्नियों के नाम पुणे में सीएनजी पंप भी है.
संजीव हंस की पत्नी हरलोविलिन कौर उर्फ मोना हंस और गुलाब की पत्नी अंबिका यादव ज्वाइंट वेंचर के तहत पुणे में एक सीएनजी पेट्रोल पंप चला रही हैं. पंप की जमीन अंबिका के नाम है. इस सीएनजी पंप को साल 2015 में 1.80 करोड़ में खरीदा गया था. संजीव हंस और गुलाब यादव का अन्य साझा कारोबार भी है. ईडी को मिली जानकारी के मुताबिक संजीव हंस का परिवार दिल्ली में एक फ्लैट में रहता है, जो बिहार सरकार के ऊर्जा विभाग के ठेकेदार प्रवीण चौधरी का है. संजीव हंस इस साल अगस्त महीने तक ऊर्जा विभाग के प्रधान सचिव रहे थे. दिल्ली वाले फ्लैट की कीमत 9.60 करोड़ बताई जा रही है.
हिमाचल में 95 करोड़ का रिसॉर्ट
इस फ्लैट को लेकर भी संजीव हंस ईडी की रडार पर थे. इतना ही नहीं संजीव हंस के बारे में जो जानकारी मिली है उसके मुताबिक हिमाचल प्रदेश में उन्होंने 95 करोड़ रु. का निवेश रिसॉर्ट में कर रखा है. हिमाचल प्रदेश के कसौली में ग्लेनव्यू रिसॉर्ट में उनका करोड़ों का निवेश है. संजीव हंस के पिता लक्ष्मण दास हंस और करीबी रिश्तेदार गुर सरताज सिंह के नाम से इस रिसॉर्ट में विला भी है. उनके पिता के विला की कीमत 1 करोड़ से ज्यादा बताई जाती है.
कुल मिलाकर संजीव हंस की मुश्किलें अब और ज्यादा बढ़ गई हैं क्योंकि इस मामले में ईडी ने 13 लोगों को नामजद किया है. इन 13 आरोपियों में संजीव हंस और गुलाब यादव के अलावे दोनों की पत्नियां मोना हंस और अंबिका यादव, राष्ट्रीय लोक जनशक्ति पार्टी के नेता सुनील कुमार सिन्हा, महिला वकील, प्रवीण चौधरी, तरुण राघव, गुर बालतेज, लक्ष्मण दास हंस, सुरेश सिंघल, कमला कांत गुप्ता और देवेंद्र सिंह नामजद हैं
पहले हो चुकी है छापेमारी
इससे पहले एजेंसी बिहार कैडर के आईएएस अधिकारी संजीव हंस और पूर्व आरजेडी विधायक गुलाब यादव के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग की जांच के दौरान बिहार, दिल्ली और पुणे में कई ठिकानों पर छापे भी मार चुकी है.
हंस-यादव पर लग चुके हैं रेप के आरोप
बता दें कि संजीव हंस का विवादों से पुराना नाता रहा है. पिछले दिनों सीनियर आईएएस अधिकारी संजीव हंस पर रेप का आरोप भी लग चुका है. बता दें कि संजीव हंस के साथ-साथ आरजेडी के पूर्व विधायक गुलाब यादव के ऊपर एक महिला ने रेप का आरोप लगाया था.
कौन हैं गुलाब यादव?
मधुबनी की झंझारपुर सीट से पूर्व विधायक गुलाब यादव पहले राष्ट्रीय जनता दल (RJD) में थे. हाल ही में हुए 2024 के लोकसभा चुनाव के दौरान उन्हें आरजेडी से टिकट नहीं मिला. झंझारपुर सीट गठबंधन में शामिल विकासशील इंसान पार्टी (VIP) के हिस्से में चली गई थी. ऐसे में गुलाब यादव बीएसपी के टिकट से चुनावी मैदान में उतर गए थे. हालांकि, उन्हें चुनावी रण में कामयाबी नहीं हासिल हो सकी. बता दें कि गुलाब यादव सियासत के मजबूत खिलाड़ी माने जाते हैं. उनकी पत्नी अंबिका गुलाब यादव को समर्थन नहीं मिला तो उन्होंने अपने बूते पर स्थानीय निकाय क्षेत्र से एमएलसी बनवा दिया. अंबिका यादव ने बीजेपी उम्मीदवार को मात दे दी थी. इसके अलावा गुलाब यादव की बेटी बिंदु गुलाब यादव जिला परिषद की अध्यक्ष हैं.