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चुनाव आयोग द्वारा वायनाड लोकसभा सीट पर उपचुनाव की घोषणा, कांग्रेस ने प्रियंका गांधी को बनाया उम्मीदवार

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नई दिल्ली
चुनाव आयोग द्वारा वायनाड लोकसभा सीट पर उपचुनाव की घोषणा के साथ ही कांग्रेस ने आधिकारिक तौर पर प्रियंका गांधी वाड्रा की उम्मीदवारी घोषित कर दी है। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने केरल से लोकसभा और विधानसभा के उपचुनावों के लिए सदस्यों को पार्टी उम्मीदवार के रूप में नामित करने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। इनमें केरल की वायनाड लोकसभा सीट से प्रियंका गांधी वाड्री को उम्मीदवार घोषित किया गया है तो वहीं केरल की पलक्कड़ विधानसभा सीट से राहुल ममकूटाथिल और चेलक्करा (SC) से राम्या हरिदास को उम्मीदवार बनाया है।

बता दें कि केरल की वायनाड लोकसभा सीट और विभिन्न राज्यों की 47 विधानसभा सीट के लिए 13 नवंबर को उपचुनाव होगा। वहीं नतीजे 23 नवंबर को आएंगे। कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने लोकसभा चुनाव में वायनाड और रायबरेली सीट से जीत दर्ज की थी। राहुल गांधी ने वायनाड सीट खाली कर दी थी और रायबरेली सीट को बरकरार रखा था। इस सीट से राहुल गांधी की बहन और कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाद्रा पार्टी की उम्मीदवार बनाया गया है। अगर प्रियंका गांधी वाड्रा लोकसभा उपचुनाव जीत जाती हैं, तो गांधी परिवार के तीनों सदस्य पहली बार संसद में होंगे।

राहुल गांधी द्वारा वायनाड सीट खाली करने के बाद ही कांग्रेस ने घोषणा कर दी थी कि प्रियंका गांधी वाड्रा वहां उपचुनाव लड़ेंगी। राहुल ने रायबरेली सीट इसलिए चुनी क्योंकि इस निर्वाचन क्षेत्र में कांग्रेस का मजबूत इतिहास रहा है, जिसने 1977, 1996 और 1998 को छोड़कर सभी लोकसभा चुनाव जीते हैं। राहुल के दादा-दादी, पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी और फिरोज गांधी भी इस निर्वाचन क्षेत्र का प्रतिनिधित्व कर चुके हैं। रायबरेली में राहुल अपने परिवार की विरासत को आगे बढ़ाना चाहते हैं। यह सीट पहले 2004 से 2019 तक सोनिया गांधी के पास थी। 2019 में राहुल ने अमेठी और वायनाड दोनों सीटों से चुनाव लड़ा, लेकिन केवल केरल की वायनाड में ही जीत हासिल की।

सोनिया गांधी अब राज्यसभा सांसद हैं। प्रियंका गांधी के सक्रिय राजनीति में आने की संभावना के साथ, गांधी परिवार संसद में अपना प्रभाव मजबूत करना चाहेगा। इसके अलावा, वायनाड में प्रियंका की मौजूदगी से पार्टी को उम्मीद है कि वह जनता को एक रणनीतिक संदेश भेजकर उत्तरी और दक्षिणी दोनों क्षेत्रों में कांग्रेस की मौजूदगी का संकेत देगी।