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चुनाव की घोषणा से पहले CM शिंदे का बड़ा तोहफा, सरकारी कर्मचारियों को मिलेगा दिवाली बोनस

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मुंबई

निर्वाचन आयोग द्वारा महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव की घोषणा से चंद मिनट पहले, मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने निचले स्तर के सरकारी कर्मचारियों के लिए दिवाली बोनस की घोषणा की. उन्होंने बीएमसी (बृहन्मुंबई म्युनिसिपल कारपोरेशन) कर्मचारियों को भी 29 हजार रुपये बोनस देने की घोषणा की है. यह पिछले साल से तीन हजार रुपये ज्यादा है. किंडरगार्टन शिक्षकों और आशा वर्कर्स को भी बोनस मिलेगा. भारतीय निर्वाचन आयोग ने मंगलवार को महाराष्ट्र चुनाव के लिए तारीखों का ऐलान कर दिया. चीफ इलेक्शन कमिश्नर राजीव कुमार ने बताया कि महाराष्ट्र में 288 विधानसभा सीटों के लिए एक चरण में 20 नवंबर को मतदान होगा और 23 नवंबर को नतीजे घोषित होंगे.

बता दें कि कुछ दिन पहले राज्यसभा सांसद रामदास आठवले की अध्यक्षता वाले नगर मजदूर संघ ने बीएमसी के कर्मचारियों के लिए 40,000 रुपये के दिवाली बोनस की मांग की थी. यूनियन ने मुख्यमंत्री, उपमुख्यमंत्री और नगर निगम आयुक्त से कर्मचारियों को एक्स ग्रेसिया बोनस देने का अनुरोध किया था. पिछले साल महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने 8 नवंबर को, बीएमसी कर्मचारियों के लिए 26,000 रुपये के दिवाली बोनस की घोषणा की थी.

कर्मचारियों के खाते में सरकार देगी तोहफा

 केंद्रीय कर्मचारियों के लिए खुशखबरी है. केंद्र की मोदी सरकार ने महंगाई भत्ते में बढ़ोतरी के ऐलान से पहले कर्मचारियों को दिवाली बोनस का तोहफा दिया है. वित्त मंत्रालय ने वित्त वर्ष 2023-24 के लिए केंद्रीय कर्मचारियों के लिए नॉन-प्रोडक्टिविटी लिंक्ड बोनस (एड हॉक बोनस) का ऐलान किया है. इसके तहत ग्रुप बी और ग्रुप सी कैटेगरी के कर्मचारियों को 30 दिन के वेतन के बराबर पैसा मिलेगा.

    वित्त मंत्रालय के खर्च विभाग की ओर से जारी आदेश में कहा गया है कि पात्र कर्मचारियों में ग्रुप ‘सी’ और ग्रुप ‘बी’ के गैर-राजपत्रित कर्मचारी शामिल हैं, जो किसी उत्पादकता से जुड़े बोनस योजना का हिस्सा नहीं हैं.

बोनस की गणना के लिए इस्तेमाल की जाने वाली अधिकतम मासिक सैलरी 7,000 रुपये तय की गई है. इन कर्मचारियों को मिलेगा फायदा केंद्रीय अर्धसैनिक बलों और सशस्त्र बलों के पात्र कर्मचारियों को भी इसका फायदा मिलेगा. साथ ही यह बोनस उन कर्मचारियों को मिलेगा जो 31 मार्च 2024 तक सेवा में रहे हैं. और साल 2023-24 के दौरान कम से कम 6 महीने काम किया है.

दूसरे शब्दों में कहें तो वे कार्मिक जो 31 मार्च से पहले चिकित्सा आधार पर अशक्त होकर सेवानिवृत्त हो गए हैं या उनकी मृत्यु हो गई है, लेकिन उन्होंने वित्तीय वर्ष में छह महीने तक नियमित ड्यूटी की है, उन्हें एडहॉक बोनस के लिए पात्र माना जाएगा. सभी भुगतान निकटतम रुपए में पूर्णांकित किए जाएंगे और खर्च संबंधित मंत्रालयों और विभागों द्वारा उनके स्वीकृत बजट के भीतर वहन किए जाएंगे.

ऐसे होगी बोनस की गणना
एडहॉक बोनस के तहत दी जाने वाली राशि निर्धारित करने के लिए एक नियम बनाया गया है. बोनस राशि की गणना औसत परिलब्धियों को 30.4 से विभाजित करके, फिर उसे 30 दिनों से गुणा करके की जाएगी.

उदाहरण के लिए, यदि किसी कर्मचारी का मासिक वेतन 7,000 रुपए है, तो उनका बोनस लगभग (7000 x 30/30.4 + 6907.89/- रुपए) 6,908 रुपए होगा. लगातार तीन वर्षों तक एक वर्ष में कम से कम 240 दिन काम करने वाले कैजुअल मजदूर भी इस बोनस के पात्र होंगे, जिसकी गणना 1,200 रुपए प्रति माह के आधार पर की जाएगी. इस निर्णय से लाखों केन्द्रीय सरकारी कर्मचारियों को लाभ होगा.