नई दिल्ली
वैज्ञानिकों ने ऑस्टियोआर्थराइटिस के उपचार के लिए एक इंजेक्शन से दी जाने वाली नई कोशिका थैरेपी विकसित की है जो उनके मुताबिक सूजन कम करती है और उपास्थियों (कार्टिलेज) को फिर से विकसित करती है।
ऑस्टियोआर्थराइटिस से दुनियाभर में 52 करोड़ से अधिक लोग प्रभावित होते हैं जिन्हें दर्द और सूजन का सामना करना पड़ता है। जोड़ों में किसी चोट की वजह से उपास्थि के चोटिल होने के कारण यह समस्या पैदा होती है जिसे प्राकृतिक तरीके से सुधारा नहीं जा सकता।
अमेरिका स्थित वेक फॉरेस्ट इंस्टीट्यूट फॉर रिजेनरेटिव मेडिसिन (डब्ल्यूएफआइआरएम) की प्रमुख लेखक जोहन्ना बोलांडर ने कहा, ‘‘हमने देखा कि ऑस्टियोआर्थराइटिस में जोड़ों में क्या समस्या होती है, हमने इसकी तुलना सामान्य स्थिति से की और एक इम्युनोथैरेपी सेल उपचार पद्धति विकसित करने के लिए इस सूचना का उपयोग किया।’’
ऑस्टियोआर्थराइटिस जोड़ों से जुड़ी बीमारी है। जोड़ में एक श्लेष झिल्ली होती है। यह एक संयोजी ऊतक होता है जो जोड़ की आंतरिक सतह को विभाजित करता है। झिल्ली जोड़ की रक्षा का काम करती है और एक स्वस्थ वातावरण बनाए रखने और घर्षण मुक्त गतिविधि प्रदान करने के लिए जरूरी कोशिका तत्वों से भरे एक स्नेहक द्रव को अलग रखती है।
सह-अध्ययनकर्ता गैरी पोलिंग ने कहा कि चोट लगने पर श्लेष झिल्ली में सूजन आ जाती है और उपास्थि को नुकसान होता है। उन्होंने कहा, ‘‘समय के साथ सूजन बढ़ जाती है और जोड़ की हड्डियों की परत के रूप में काम करने वाली उपास्थि क्षतिग्रस्त हो जाती है तथा आसपास के ऊतकों में सूजन बढ़ जाती है। रोगियों को इस स्थिति में बहुत दर्द होता है, सूजन होती है और कई बार दैनिक गतिविधियां अवरुद्ध हो जाती हैं।’’
‘साइंस एडवांसेस’ पत्रिका में प्रकाशित अध्ययन में इस बात का विश्लेषण करने का प्रयास किया गया कि ऑस्टियोआर्थराइटिस में जोड़ में ऐसा क्या हो रहा है जो सुधार प्रक्रिया को रोकता है।