केकड़ी.
जिले की सरवाड़ नगर पालिका में काबिज कांग्रेस बोर्ड की अध्यक्ष छगन कंवर राठौड़ पर निलंबन की तलवार लटक गई है। स्वायत शासन विभाग ने भ्रष्टाचार के आरोपों के बाद पालिकाध्यक्ष को नियम विरुद्ध तरीके से पट्टे जारी करने के आरोप में नोटिस देकर सात दिवस के भीतर स्पष्टीकरण मांगा है। जवाब नहीं देने पर उनके खिलाफ राजस्थान नगर पालिका अधिनियम 2009 की धारा 39 के तहत कार्रवाई की जाएगी। मामले में स्वायत शासन विभाग द्वारा सरवाड़ एसडीएम गुरुप्रसाद तंवर से मामले की जांच कराई गई थी, जिसमें उनके विरुद्ध आरोप तय किए गए हैं।
15 अप्रैल 2008 को नगर पालिका सरवाड़ ने आवेदक फारूख सिलावट के पक्ष में 200 रुपये प्रति वर्गगज की दर से भूखंड का पट्टा 99 वर्ष की लीज पर जारी किया था। उस समय स्थानीय निकाय विभाग को इसकी शिकायत की गई थी, जिस पर कार्यालय उपनिदेशक क्षेत्रीय स्थानीय निकाय विभाग अजमेर ने उक्त अवैध पट्टों को अधिशाषी अधिकारी नगरपालिका सरवाड़ को निरस्त करवाने की कार्रवाई कर भूमि को नगर पालिका के कब्जे में लेने के निर्देश दिए थे। नोटिस में बताया गया कि पार्षद अतीक तंवर ने पट्टाकर्ता फारूख सिलावट से भूखंड खरीद लिया। नगर पालिका के अध्यक्ष व भूमि शाखा के कार्मिक व तत्कालीन अधिकारी द्वारा वर्तमान पार्षद अतीक तंवर को लाभ पहुंचाने की नीयत से अवैध लीज डीड के आधार पर पंजीबद्ध विक्रय पत्र का नामांतरण किया गया है, जो पूर्णतः नियम विरुद्ध है। नोटिस में बताया गया कि तंवर ने नामांतरण अपने पक्ष में होने के उपरांत नगर पालिका सरवाड़ में धारा 69 ए के तहत पट्टा जारी करने के लिए आवेदन किया था। जिस पर नगर पालिका की एम्पावर्ड कमेटी की मीटिंग में आवेदक को फ्री होल्ड पट्टा जारी करने का निर्णय किया गया।
मीटिंग की अध्यक्षता नगर पालिका अध्यक्ष द्वारा की गई। इस प्रकार उक्त पट्टा वैध नहीं होने की जानकारी होते हुए भी आवेदक को अनुचित लाभ पहुंचाने की नीयत से नियम विरुद्ध फ्री होल्ड पट्टा जारी कर दिया, जो पूर्णतः अवैध है, जिसके लिए पालिका अध्यक्ष उत्तरदायी हैं। डीएलबी का कहना है कि यह आचरण नगर पालिका में अध्यक्ष पद की हैसियत के दुरुपयोग एवं कर्तव्यों के निर्वहन में अवचार तथा पद के अन्यथा आचरण की श्रेणी में आता है। मामले में 7 दिवस में स्पष्टीकरण देने के लिए कहा गया है।