गुवाहाटी
पंजाब के मोगा से गिरफ्तार किए गए खालिस्तान समर्थक और 'वारिस पंजाब दे' चीफ अमृतपाल को असम की डिब्रूगढ़ जेल में एक एकांत सेल में रखा गया है। इसी जेल में उसके 9 साथी पहले ही पहुंच चुके हैं लेकिन अमृतपाल को इनसे दूर रखा गया है। जेल के अधिकारियों ने यह जानकारी दी है। अमृतपाल पर राष्ट्रीय सुरक्षा कानून के तहत केस दर्ज किया गया है। उसे बाकी 9 साथियों से बात करने की अनुमति नहीं दी जाएगी।
डिब्रूगढ़ जेल में करीब 420 कैदी हैं जिनमें से केवल 10 पर एनएसए के तहत केस दर्ज है। यहां पंजाब से लाए गए यही 10 लोग हैं। इस जेल की सुरक्षा सेंट्रल रिजर्व पुलिस फोर्स के जवानों के पास है। हालांकि जब यहां अमृतपाल के सहयोगियों को लाया गया था तब से अर्द्धसैनिक बलों को भी सुरक्षा के लिए लगाया गया है। जेल के अधिकारी ने कहा, अमृतपाल को जिस सेल में रखा गया है पहले उसी में ULFA से जुड़े उन लोगों को रखा गया था जिनपर एनएसए के तहत केस दर्ज किया गया था।
उन्होंने बताया, सेल के आसपार कैमरे लगाए गए हैं जिससे ना केवल कैदी पर नजर रखी जा सके बल्कि उस सेल के आसपास आने-जाने वालों पर भी नजर रखी जाए। इसके अलावा इस सेल के पास हमेशा वॉर्डन मौजूद रहेगा। बता दें कि रोडे गांव के गुरुद्वारे के बाहर से गिरफ्तार होने के बाद अमृतपाल को सीधे डिब्रूगढ़ ही शिफ्ट कर दिया गया। उसे डिब्रूगढ़ के मोहनबारी एयरपोर्ट लाया गया और यहीं से जेल भेज दिया गया। उसे लाने में सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए थे।
जब एयरपोर्ट से जेल के लिए अमृतपाल को ले जाया गया तो पुलिस ने पूरा रास्ता खाली करवा दिया था। वायुसेना के स्पेशल विमान से उसे लाया गया था जिसमें पंजाब पुलिस के अधिकारी भी मौजूद थे। एयरपोर्ट से सड़क मार्ग में लाने में काफिले में कमांडो भी शामिल थे।रूटीन मेडिकल चेकअप के बाद उसे जेल भेज दिया गया। जानकारी के मुताबिक सुरक्षा कारणों से अमृतपाल को डिनर के लिए भी बाहर नहीं आने दिया जाएगा। उसे अपनी सेल में ही खाना मिलेगा। अमृतपाल को जेल में काम नहीं करना पड़ेगा। मैनुअल के मुताबिक एनएसए के आरोपियों को काम नहीं दिया जाता है। बता दें कि डिब्रूगढ़ जेल में लगभग एक महीने से अमृतपाल के करीबी बंद हैं। इसमें पपलप्रीत सिंह भी शामिल है। अमृतपाल का गनमैन वारिंदर जोहल भी यहीं है।