भोपाल
दक्षिण अफ्रीका से लाए गए चीता उदय की मौत हो गई है। मध्य प्रदेश के कूनो नेशनल पार्क में तबीयत खराब होने के बाद उदय का इलाज चल रहा था, लेकिन इलाज के दौरान उदय की मौत हो गई। स्टेट चीफ कंसर्वेजर ऑफ फॉरेस्ट जेएस चौहान ने घटना की जानकारी दी है। हालांकि चीता की मौत की वजह अभी नहीं पता चल पाई है।
बता दें कि इससे पहले 27 मार्च को पांच साल की मादा चीता साशा की किडनी में दिक्कत की वजह से मौत हो गई थी। जांच में यह पाया गया है कि साशा को जब भारत लाया गया तो उसके पहले से ही उसे किडनी की समस्या थी। पिछले साल नामीबिया से 8 चीते लाए गए थे, उसमे साशा भी शामिल थी। जबकि उदय उन 12 चीतों में शामिल था जिसे 17 फरवरी 2023 में भारत लाया गया था। 17 फरवरी 2023 को 7 नर और 5 मादा चीता भारत लाए गए थे।
गौर करने वाली बात है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 8 चीतों को जो नामीबिया से लाए गए थे, उन्हें अपने जन्मदिन के मौके पर पिछळे साल 17 सितंबर को कूनो नेशनल पार्क में छोड़ा था। बता दें कि भारत में 1952 में चीता विलुप्त हो गए थे, जिसके बाद अफ्रीका के नामीबिया से 8 चीता भारत प्रोजेक्ट चीता के तहत लाए गए थे, भारत सरकार जंगल के तंत्र को बेहतर करने के उद्देश्य से इन चीतों को भारत लाई थी।
प्रोजेक्ट चीता के तहत भारत सरकार चीतों को एक बार फिर से भारत में बसाना चाहती है। भारत में जानवरों को सुरक्षित करने का इतिहास काफी पुराना है। प्रोजेक्ट टाइगर सबसे सफल प्रोजेक्ट है, जिसकी शुरुआत 1972 में की गई थी।