जयपुर
राजस्थान की भजनलाल सरकार में मंत्रिमंडल विस्तार की तैयारियां शुरू हो गई है। जानकारी मिली है कि 7 विधानसभा सीटों पर होने वाले उपचुनाव से पहले प्रदेश सरकार में मंत्रिमंडल विस्तार हो जाएगा। पिछले दिनों सीएम भजनलाल शर्मा जब दिल्ली दौरे पर गए तो वहां पार्टी के वरिष्ठ नेताओं के साथ इसी मुद्दे पर उनकी चर्चा हुई। ऐसा माना जा रहा है कि इसी अक्टूबर महीने में मंत्रिमंडल विस्तार कर दिया जाएगा। विस्तार के दौरान अच्छा कार्य करने वाले मंत्रियों को प्रमोशन मिल सकता है, जबकि जिन विभागों में संतोषजनक कार्य नहीं हुए, उन मंत्रियों को मंत्रिमंडल से बाहर भी किया जा सकता है। उधर डॉ. किरोड़ीलाल मीणा को लेकर पार्टी पशोपेश में है। यह तय नहीं हो पा रहा है कि उन्हें कैसे खुश किया जाए। डॉ. मीणा चार महीने पहले मंत्री पद से इस्तीफा दे चुके हैं, लेकिन अभी तक उनके इस्तीफे पर कोई फैसला नहीं लिया गया है।
मंत्रिमंडल का कोरम पूरा करने की कवायद
नियमानुसार कुल विधानसभा सदस्यों के अधिकतम 15 प्रतिशत सदस्यों को मंत्री बनाया जा सकता है। राजस्थान में विधानसभा सदस्यों की कुल संख्या 200 है। ऐसे में मुख्यमंत्री सहित कुल 30 मंत्री बनाए जा सकते हैं। वर्तमान में मुख्यमंत्री और दो डिप्टी सीएम सहित कुल 24 मंत्री हैं। यानी राज्य सरकार अभी 6 और सदस्यों को मंत्री बना सकती है। अगर डॉ. किरोड़ी लाल मीणा का इस्तीफा स्वीकार कर लिया जाता है तो रिक्त मंत्रियों के पदों की संख्या 7 हो जाएगी। मंत्रिमंडल के सदस्यों का कोरम पूरा करके भाजपा सभी वर्गों को साधने की कोशिश करेगी, ताकि विधानसभा उपचुनाव में हर वर्ग को पार्टी से जोड़ा जा सके।
इन विधायकों को मिल सकता है तोहफा
भजनलाल सरकार ने गंगानगर में हुए उपचुनाव से पहले सुरेन्द्रपाल सिंह टीटी को मंत्री बना दिया था। मंत्री बनाए जाने के कुछ दिन बाद वे चुनाव हार गए। ऐसे में उन्हें मंत्री पद से इस्तीफा देना पड़ा। ऐसे में गंगानगर को सरकार में प्रतिनिधित्व का अवसर दिया जा सकता है। सादुलशहर से गुरवीर सिंह या गंगानगर से जयदीप बिहानी को मंत्रिमंडल में शामिल किए जाने की चर्चाएं हैं।
साथ ही चित्तौड़गढ़ जिले के निंबाहेड़ा से विधायक चंद्र कृपलानी, बाली से पुष्पेंद्र सिंह को भी मंत्री बनाए जाने की संभावना है। ये दोनों नेता पूर्व में राजे सरकार में मंत्री रह चुके हैं। आदूराम मेघवाल, हंसराज मीणा, रामविलास मीणा और गोवर्धन वर्मा में से दो तीन नेताओं को भी मंत्रिमंडल में जगह दी जा सकती है।
दो मंत्रियों के विभाग बदले जाने की चर्चाएं
शिक्षा मंत्री मदन दिलावर अपने कई तरह के बयानों को लेकर विवादों में रहे हैं। साथ ही विभाग की ओर से कई बार आदेश निकालने और फिर उन्हें वापस लेने को लेकर भी विवादों में रहे। ऐसे में दिलावर का विभाग बदले जाने की संभावना है। उधर मंत्री पद से इस्तीफा दे चुके डॉ. किरोड़ी लाल मीणा का इस्तीफा अगर स्वीकार नहीं किया जाता है तो उन्हें बड़ा विभाग देकर खुश करने की कोशिश की जा सकती है।
अभी तक किरोड़ी मीणा को जो विभाग मिला हुआ है, वह बहुत छोटा है। ऐसा माना जा रहा है कि डॉ. किरोड़ी लाल मीणा को कोई बड़ा विभाग देकर राजी किए जाने का प्रयास किया जाएगा। हालांकि उनके समर्थन लगातार डिप्टी सीएम के पद की मांग करते हुए सोशल मीडिया पर मुहिम चला रहे हैं। अब इंतजार सभी को पार्टी हाईकमान के फैसले का है।