प्रयागराज
माफिया अतीक और उसके भाई अशरफ की हत्या के आरोपियों में से एक लवलेश तिवारी ने पुलिस हिरासत में कहा कि उन तीनों ने अतीक की हत्या नहीं बल्कि उसका वध किया है। लवलेश ने कहा कि उनके इस कांड से प्रयागराज अपराध मुक्त हो गया। बता दें कि इस हमले में आरोपी लवलेश भी जख्मी हो गया था। उसके हाथ के पास से गोली छूकर निकली थी। लवलेश की फेसबुक प्रोफाइल पर असलहों के साथ उसकी तस्वीरें सामने आई हैं जिनसे पता चलता है कि वह शुरू से ही कुछ बड़ा करने की सोच रहा था। पकड़े जाने के बाद तीनों हत्यारोपियों ने दावा किया था कि बड़ा डॉन बनने के इरादे से उन्होंने इस हत्याकांड को अंजाम दिया है।
ऐसे बनाया था प्लान
अतीक और अशरफ की हत्या करने वाले तीनों आरोपियों ने पुलिस को पूरी कहानी बयां की। पुलिस रिकॉर्ड के मुताबिक कैसे और किसे गोली मारनी है, यह होटल के कमरे में ही तय हो गया था। सनी के पास जिगाना और लवलेश के पास गिरसान पिस्टल थी। जिगाना में 13 और गिरसान में 11 गोलियां भरी थीं। वहीं अरुण के पास देसी पिस्टल थी जिसमें दस गोलियां थीं। सनी ने अशरफ और लवलेश ने अतीक को मारा पुलिस सूत्रों के मुताबिक, सनी ने एसआईटी को बयान दिया था कि अशरफ ज्यादा खतरनाक था। वह फायरिंग होने पर भाग सकता था। इसलिए उसकी हत्या की जिम्मेदारी खुद सनी ने ली थी। लवलेश को बोला था कि वह अतीक को गोली मारेगा। अतीक मोटा है। वह भाग नहीं पाएगा।
अरुण को दी गई थी कवर फायरिंग की जिम्मेदारी
वहीं अरुण को जिम्मेदारी दी गई कि हत्या के बाद वह फायरिंग करेगा जिससे तीनों भाग जाएं। चारों तरफ से घिरने पर सरेंडर की प्लानिंग थी। जैसे ही अतीक और अशरफ वहां पहुंचे कि अचानक से सनी सामने से आया। दूसरी ओर से लवलेश पहुंचा। वीडियो में भी दिख रहा है कि लवलेश ने सबसे पहले अतीक को गोली मारी। सनी ने अशरफ पर गोलियां बरसाईं। दोनों ने कुल 24 गोलियां चलाई थीं। वहीं अरुण फायरिंग होते ही मीडियाकर्मियों के बीच धक्का मुक्की में फंस गया। बाद में उसने फायरिंग की। चार गोली चलाई थी। पांचवीं फंस गई। उसके पास से कुल पांच कारतूस बरामद हुए। इस तरह से कुल 28 गोलियां अतीक और अशरफ पर चली थीं। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में अतीक को आठ और अशरफ को पांच गोलियां लगने की बात सामने आई थी।
अरुण ने खोला राज, होटल में मिली जानकारी
अतीक हत्याकांड में पकड़े गए अरुण मौर्य ने एसआईटी को सनसनीखेज जानकारी दी। बताया जा रहा है कि उसने खुलासा किया कि चित्रकूट से तीनों लखनऊ पहुंचे। एक होटल में रुके थे। वहीं पर सनी और लवलेश ने किसी बड़े काम को अंजाम देने की बात की थी। उस वक्त तक उसे नहीं पता था कि अतीक और अशरफ की हत्या करनी है। नाम कमाने के लिए अरुण ने कहा कि वह भी मरते दम तक साथ रहेगा। वहीं पर मोबाइल और सिम कार्ड तोड़ दिया गया था। टीवी देखकर मीडियाकर्मी बनने का अभ्यास किया था।
सनी ने टीम तैयार की
एसआईटी की नजर में अतीक और अशरफ की हत्या के पीछे मुख्य आरोपी सनी सिंह है। गैंगस्टर सनी सिंह ने ही असलहों का इंतजाम किया और अरुण व लवलेश को अपनी टीम में शामिल किया। सनी पूछताछ के दौरान एक प्रोफेशनल अपराधी की तरह बेबाक तरीके से जवाब दे रहा था। मोबाइल और सिम कार्ड पहले ही गायब कर दिए थे।
पुलिस कस्टडी रिमांड की अवधि नहीं बढ़ी
एसआईटी तीनों आरोपियों को चार दिन की पुलिस कस्टडी रिमांड पर लेकर पूछताछ कर रही थी। आरोपियों के बयानों का सत्यापन कराया गया। लेकिन इसके बाद भी कई सवाल अभी अनसुलझे हैं। जांच के लिए एसआईटी ने कोर्ट से रिमांड अवधि बढ़ाने की अर्जी दी थी, जो कोर्ट से स्वीकार नहीं हुआ।