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उच्च न्यायालय में जलसंसाधन विभाग के सैकड़ों प्रकरण लंबित, इनमें जवाब-दावा तक नहीं लगाए

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भोपाल. उच्च न्यायालय में जलसंसाधन विभाग के सैकड़ों प्रकरण लंबित चल रहे है। विभाग की ओर से इनमें जवाब-दावा तक नहीं लगाए गए है। इसके चलते प्रकरणों का निपटारा नहीं हो पा रहा है और कई मामलों में न्यायालय की अवमानना की स्थिति तक बन गई है। विभाग के प्रमुख अभियंता ने सभी मैदानी अफसरों से लंबित न्यायालयीन मामलों के निराकरण के लिए तत्काल जवाबदावा तैयार कर प्रस्तुत करने और लंबित मामलों में कार्यवाही को आगे बढ़ाकर उनके निराकरण के लिए कदम उठाने के लिए निर्देशित किया है।

जलसंसाधन विभाग के अठारह कार्यालयों कछारों के मामले उच्च न्यायालय जबलपुर, खंडपीठ इंदौर तथा जबलपुर में प्रचलित है। इनमें लंबित अवमानना और डब्ल्यू पी से संबंधित जानकारी, जवाब दावा देने के निर्देश अधीक्षण यंत्री बीएस मोहनिया ने कार्यपालन यंत्रियों, मुख्य अभियंताओ को दिए है।

मुख्य अभियंता गंगा कछार रीवा के डब्ल्यूपी के 36 मामलों में जवाबदावा प्रस्तुत किए जा चुके है जबकि 57 में जवाबदावा पेश किया जाना है। यहीं पर अवमानना के 144 मामलों में जवाबदावा पेश किए जा चुके है और 72 में पेश किए जाने है।रीवा कछार के अधीनस्थ सबसे अधिक प्रचलित डब्ल्यू पी तथा अवमानना प्रकरणों की जानकारी जलसंसाधन संभाग अनूपपुर और शहडोल में चिन्हित की गई।

अधीक्षण यंत्री प्रशासन ने कार्यपालन यंत्री जलसंसाधन संभाग अनूपपुर और शहडोल को निर्देशित किया कि जिन प्रकरणों में मुख्य अभियंता स्तर से स्पीकिंग आदेश जारी कर प्रकरण का निराकरण किया जा सकता है इस संबंध में समयसीमा में तत्परता से कार्यवाही करे।मुख्य अभियंता बोधि ने बताया कि उनके यहां डब्ल्यूपी के 68 और अवमानना के 20 मामलों में जवाबदावा प्रस्तुत किए जा चुके है।

मुख्य अभियंता विद्युत यांत्रिक भोपाल कछार में डब्ल्यूपी के 304 मामलों में जवाबदावा प्रस्तुत किए जा चुके है। अवमानना के 28 मामलों में जवाबदावा पेश किए जा चुके है जबकि दो में किए जाना शेष है। मुख्य अभियंता स्तर पर समीक्षा बैठक कर डब्ल्यूपी और अवमानना में नियुक्त प्रभारी, संपर्क अधिकारी को समयसीमा में प्रकरणों का निराकरण करने के लिए कार्यवाही करने हेतु निर्देशित किया गया।

मुख्य अभियंता जलसंसाधन विभाग नर्मदापुरम कछार में डब्ल्यूपी के 139 मामलों और अवमानना के 18 मामलों में जवाबदावा पेश किए जा चुके है जबकि डब्ल्यूपी के 9 और अवमानना के 4 मामलों में जवाबदावा पेश किया जाना है। इस संबंध में तत्परता से कार्यवाही करने को कहा गया है।

मुख्य अभियंता चंबल बेतवा कछार भोपाल में डब्ल्यूपी के 4 और अवमानना के 2 मामलों में जवाबदावा पेश करने के लिए कहा गया है। ताकि प्रकरणों को तत्काल समाप्त करने की कार्यवाही सुनिश्चित की जा सके। मुख्य अभियंता वैन कछार सिवनी में डब्ल्यूपी के 15 और अवमानना के 11 प्रकरण लंबित है। यहां अभी तक जवाबदावा उचित समय पर न्यायालय में प्रस्तुत नहीं किया गया है।

इसमें नियुक्त संपर्क अधिकारियों को मुख्य अभियंता स्तर से निर्देश जारी करने का निर्णय लिया गया। मुख्य अभियंता धसान केन कछार जलसंसाधन विभाग सागर में डब्ल्यूपी के 7 मामले में जवाबदावा पेश नहीं किया गया। मुख्य यमुना कछार जलसंसाधन विभाग ग्वायिलर में डब्ल्यूपी के 13 और अवमानना के 11 मामलों में जवाबदावा पेश नहीं हुए है।

मुख्य अभियंता जलसंसाधन उज्जैन में डब्ल्यूपी के एक मामले में, मुख्य अभियंता राजघाट नहर परियोजना में डब्ल्यूपी के दो मामलों में जवाबदावा पेश नहीं किए गए है। सभी मामलों में नियुक्त प्रभारी अधिकारियों को समयसीमा में जवाबदावा प्रस्तुत करने के निर्देश दिए गए।

अधीक्षण यंत्री बीएस मोहनिया और वरिष्ठ प्रशासकीय अधिकारी सुधीर सक्सेना ने अधिकारियों को निर्देशित किया कि न्यायालयीन मामलों में प्रचलित डब्ल्यू पी और अवमानना प्रकरणों की सतत निगरानी रखे तथा यह प्रयास करे कि वादी कर्मचारियों द्वारा जिस विषय से संबंधित न्यायालयीन प्रकरण दायर किए गए है उनके संबंध में शासकीय नियम निर्देशों की परिधि में कार्यवाही सुनिश्चित कर न्यायालयों में लंबित प्रकरणों का समयसीमा में निराकरण करावे।