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‘उन्‍हें जरा आराम से बताना’…पिता को सदमा न लगे सो सुसाइड नोट में यह लिख ट्रेन के आगे कूदा बेटा

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 कानपुर
गले के कैंसर से पीड़ित कानपुर के एक युवक का दर्द कुछ इस कदर उसके जेहन पर हावी हुआ कि उसने ट्रेन के आगे कूदकर अपनी जान दे दी। इसके पहले सुसाइड नोट में उसका दर्द और अपने पिता की चिंता खुलकर सामने आई। युवक ने लिखा- 'पिता जी को मेरे न रहने के बारे में जरा आराम से बताना।' पिता को अपने बेटे की मौत का सदमा न लगे इसकी चिंता उसे अंत तक सताती रही।

मामला, कानपुर के चकेरी का है। यहां इस युवक के ट्रेन के आगे कूदकर जान देने की यह घटना हर किसी की जुबां पर है। लोग, युवक के इस अंजाम को लेकर बेहद दुखी हैं। सुसाइड नोट में उसने अपनी पीड़ा बयां की और पिता को सदमा न पहुंचे इसलिये लिख दिया कि पिता को जरा आराम से बताना। पुलिस ने शव पोस्टमार्टम के लिये भेजकर पिता को घटना की जानकारी दी तो वह बदहवास रह गए।

कोयला नगर स्वर्ण जयंती विहार निवासी राम लखन यादव एफसीआई से रिटायर हैं। उनके बेटे अजय यादव (उम्र 38 वर्ष) ने शुक्रवार रात ट्रेन के आगे कूदकर जान दे दी। घटना की जानकारी पर पहुंची पुलिस को मौके से सुसाइड नोट बरामद हुआ। इसमें उसने कैंसर पीड़ित होने की बात लिखी है।

कैंसर का इलाज हुआ असहनीय
सुसाइड नोट में पीड़ित ने कैंसर के इलाज के दर्द के बारे में बताया। उसने लिखा कि कैंसर का दर्द इतना बुरा नहीं जितना उसका इलाज। वहीं परिजनों ने बताया कि अजय को गले में कैसर था। उसके इलाज में काफी रुपये खर्च हो गए लेकिन लाभ नहीं मिला। इसको लेकर वह तनाव में था। पिता की पेंशन से ही उसका इलाज चलता था।