शाहपुरा.
शाहपुरा जिले के जहाजपुर कस्बे में जलझूलनी एकादशी के दौरान पीतांबर श्याम भगवान के बेवाण पर पत्थरबाजी की घटना के बाद हिन्दू संगठनों और समाज में नाराजगी बनी हुई है। प्रशासन के साथ हुई वार्ता में मांगों के पूरा होने की सहमति के बावजूद अब तक ठोस कदम नहीं उठाने पर हिन्दू संगठनों ने बड़ा कदम उठाने का ऐलान किया है।
एक अक्टूबर को जहाजपुर के बस स्टैंड पर श्री ठाकुर पीतांबर श्याम संघर्ष समिति और सकल हिन्दू समाज के बैनर तले एक महापड़ाव आयोजित किया जाएगा, जिसमें अनुमानित रूप से लगभग एक लाख लोग शामिल होंगे। इस महापड़ाव में मांगों को नहीं माने जाने की स्थिति में पूरे मेवाड़ क्षेत्र में बंद का आह्वान किया गया है। हिन्दू संगठनों के पदाधिकारियों ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस का आयोजन कर प्रशासन पर असहयोग का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि घटना के 14 दिन बीत चुके हैं, लेकिन प्रशासन की ओर से कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई है। पदाधिकारियों ने कहा कि अगर 1 अक्टूबर को भी हमारी मांगें पूरी नहीं की जाती हैं तो हमें जिले सहित मेवाड़ बंद कराने पर मजबूर होना पड़ेगा। प्रेस कॉन्फ्रेंस में प्रमुख हिन्दू संगठनों के प्रतिनिधि उपस्थित थे, जिन्होंने प्रशासन पर उनकी मांगों की अनदेखी का आरोप लगाते हुए कहा कि महापड़ाव एक शांतिपूर्ण और संगठित प्रयास होगा, लेकिन यदि इसके बाद भी प्रशासन उनकी मांगों को पूरा नहीं करता है तो आंदोलन को और उग्र किया जाएगा। उल्लेखनीय है कि जलझूलनी एकादशी के दिन जहाजपुर कस्बे में किले के मंदिर से निकलने वाले पीतांबर श्याम भगवान के बेवाण पर पत्थरबाजी की घटना हुई थी। इस घटना के बाद क्षेत्र में तनाव व्याप्त हो गया था और हिन्दू समाज ने 3 दिनों तक धरना दिया था। जिसके बाद प्रशासन के साथ हुई बातचीत में प्रशासन ने मांगों को मानने का आश्वासन दिया था लेकिन अब तक कोई ठोस कार्रवाई न होने से हिन्दू संगठनों में नाराजगी है। समाज के प्रतिनिधियों ने स्पष्ट किया कि महापड़ाव एक अहिंसक और मर्यादित आंदोलन होगा लेकिन यदि इसके बाद भी प्रशासन ने उनकी मांगों को नजरअंदाज किया, तो जिले सहित पूरे मेवाड़ क्षेत्र में बंद का आह्वान किया जाएगा।
उन्होंने कहा कि प्रशासन की निष्क्रियता के कारण ही यह कदम उठाने पर मजबूर होना पड़ा है। इधर एक अक्टूबर को होने वाले महापड़ाव की तैयारियों को लेकर भी तेजी से काम हो रहा है। कल्याणजी के मंदिर में हिन्दू संगठनों और समाज के प्रमुख लोगों की बैठक आयोजित की गई, जिसमें महापड़ाव के लिए रणनीति बनाई गई। बैठक में यह तय किया गया कि महापड़ाव के दिन हजारों की संख्या में लोग जहाजपुर बस स्टैंड पर एकत्र होंगे और शांतिपूर्ण ढंग से अपनी मांगों को प्रशासन के सामने रखेंगे।