चंडीगढ़
पंजाब पुलिस ने 35 दिनों तक लगातार पीछा करने के बाद रविवार को खालिस्तानी कट्टरपंथी और 'वारिस पंजाब दे' के प्रमुख अमृतपाल सिंह को गिरफ्तार कर लिया है। खालिस्तानी नेता अमृतपाल को मोगा जिले के रोडे गांव के गुरुद्वारे से गिरफ्तार किया गया। रोडे खालिस्तानी नेता जरनैल सिंह भिंडरावाले का पैतृक गांव है। पंजाब पुलिस उसे अमृतसर लेकर जा रही है, जहां से उसे असम के डिब्रूगढ़ जेल शिफ्ट कर दिया जाएगा। इसी जेल में अमृतपाल के कुछ सहयोगी बंद हैं।
गिरफ्तारी से पहले अमृतपाल सिंह ने सरेंडर का नाटक रचने की कोशिश की। हालांकि, पंजाब पुलिस ने कहा है कि यह गिरफ्तारी है। यह पंजाब पुलिस का ऑपरेशन था। आपको बता दें कि अमृतपाल सिंह करीब एक महीने से पुलिस को चकमा दे रहा था। वह इस दौरान भेष बदलकर खुद को पुलिस की नजरों से बचा रहा था। पुलिस ने उसे भगोड़ा घोषित किया था।
एक महीने से पुलिस को छका रहा था अमृतपाल
कट्टरपंथी अमृतपाल सिंह पुलिस को करीब एक महीना से चकमा दे रह रहा था। वह केवल सीसीटीवी फुटेज में नजर आ रहा था। कई प्रदेशों में सर्च अभियान के बावजूद वह पकड़ में नहीं आ सका था। पुलिस ने 18 मार्च को अमृतपाल सिंह और उसके संगठन 'वारिस पंजाब दे' के सदस्यों के खिलाफ कार्रवाई की थी। अमृतपाल और उसके सहयोगियों पर विभिन्न वर्गों के बीच वैमनस्य फैलाने, हत्या के प्रयास, पुलिस कर्मियों पर हमले और लोक सेवकों के काम में बाधा डालने से संबंधित कई आपराधिक मामलों में प्रकरण दर्ज किया गया है।
अमृतपाल पर क्यों हो रही कार्रवाई?
अमृतपाल सिंह सबसे पहले 23 फरवरी को चर्चा में आया था। उसने अजनाला में अपने करीबी को छुड़ाने के लिए हजारों समर्थकों के साथ अजनाला थाने पर हमला बोल दिया था। इस हमले में 6 पुलिसकर्मी जख्मी हुए थे। इसके बाद उसने कई टीवी चैनलों में दिए इंटरव्यू में अलग खालिस्तान की मांग की थी। अमृतपाल की तुलना खालिस्तानी आतंकी भिंडरावाले से भी की जा रही है।
एयरपोर्ट पर पत्नी को भी रोका गया
हाल ही में खालिस्तान समर्थक अमृतपाल सिंह की पत्नी किरणदीप कौर को ब्रिटेन जाने से रोक दिया गया था। पुलिस और खुफिया एजेंसियों के अधिकारियों ने अमृतसर के श्री गुरु रामदास अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर पूछताछ के बाद उन्हें अमृतपाल के गांव जल्लूपुर खेड़ा भेज दिया। शादी के बाद वह पहली बार लंदन जा रही थीं। किरणदीप कौर को 1:30 बजे निर्धारित एयर इंडिया की उड़ान से बर्मिंघम जाना था। चूंकि उनके खिलाफ लुक आउट सर्कुलर जारी था, इसलिए आव्रजन अधिकारियों ने उन्हें यात्रा करने की अनुमति नहीं दी।