Home छत्तीसगढ़ जिला प्रशासन की सजगता से नही हो पाया बाल-विवाह

जिला प्रशासन की सजगता से नही हो पाया बाल-विवाह

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जांजगीर चांपा

जिला प्रशासन की सजगता के चलते जिले में अक्षय तृतीया पर नाबालिग विवाह बंधन से बच गये।सूचना मिलने पर टीम वहां पहुंची और दोनों पक्षों को समझाइश देकर विवाह को रूकवाया। यह वाक्या जिले के अकलतरा क्षेत्र के परसाहीबाना गांव का है जहां  नाबालिग लड़की की शादी होने की सूचना के बाद प्रशासन की टीम पुलिस के साथ मौके पर पहुंची और परिजन को समझाइश दी।

अक्षय तृतीया पर होने वाले बाल-विवाह की रोकथाम के लिये महिला व बाल विकास विभाग, जिला बाल कल्याण अधिकारी टीम,पुलिस टीम पूरी तरह से चौकस व सावधान थी और अपने जासूसों के जरिये बाल-विवाह पर बारीकी से नजर रखे हुए थी। इसी दौरान परसाही बाना गांव में बाल विवाह होने की सूचना मिली। प्रशासन की यह संयुक्त टीम वहां पहुंची। टीम ने लड़की के बारे में परिजन से पूछताछ की तो उसकी उम्र 16 वर्ष 2 माह निकली। इसके बाद, परिजन को बाल विवाह कानून और उसके दुष्परिणाम के बारे में बताया गया। इसके बाद नाबालिग लड़की की शादी रोक दी गई। इससे पहले भी प्रशासन ने जिले के बम्हनीडीह ब्लॉक के पुछेली गांव पामगढ़ ब्लॉक के मेउं गांव और जांजगीर क्षेत्र के पेंड्री गांव में प्रशासन ने नाबालिग की शादी रुकवाई थी। जिले में इससे पहले भी कई नाबालिग लड़की की शादी रुकवाई जा चुकी है।